हिमवंती मीडियामीडिया/शिमला
हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचपीएनएलयू) शिमला में हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी, शिमला में अपना दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अपने जीवन से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की, लेकिन कभी वकालत नहीं की। उन्होंने कहा कि राजनीति और समाज सेवा में उनकी विशेष रुचि थी और राज्य के लोगों के सहयोग और आशीर्वाद से उन्हें प्रदेश की सेवा करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि जीवन की चुनौतियां डिग्री प्राप्त करने के बाद शुरू होती हैं और अनुभव से ज्ञान प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि कानून की पढ़ाई से लोगों में आत्मविश्वास की भावना पैदा होती है, चाहे वह व्यवसाय के लिए किसी भी क्षेत्र का चुनाव करें। उन्होंने कहा कि हाल ही में बजट सत्र के दौरान, राज्य विधानसभा ने हिमाचल प्रदेश नशा निवारण अधिनियम और संगठित अपराध अधिनियम पारित किया, जिससे नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिला है। उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की गई है, जिससे ड्रग सप्लाई चेन को ध्वस्त करने में मदद मिली है। नशे की लत से जूझ रहे युवाओं के पुनर्वास और उनकी मदद के लिए सिरमौर ज़िला के कोटला बड़ोग में एक अत्याधुनिक पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में हुई प्रगति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकान्त ने छात्रों को अपने ध्येय को प्राप्त करने के दृष्टिगत दृढ़ता से आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए छात्रों को सम्मानित भी किया गया। स्नातकोत्तर उपाधि के 2021 के ओवरऑल टॉपर सूर्य देव सिंह भंडारी, 2022 के लिए टिसी एनी थॉमस और 2023 के लिए निवेदिता शर्मा को संस्थापक कुलपति स्वर्ण पदक से नवाजा गया। 2018 बैच की शीनम ठाकुर को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले, जिनमें के.के. लूथरा मेमोरियल गोल्ड मेडल (क्रिमिनल लॉ), श्री तरसेम कुमार स्वर्ण पदक (सर्वश्रेष्ठ महिला टॉपर), श्री श्याम सुंदर गोयल मेमोरियल गोल्ड मेडल (स्नातक टॉपर), संस्थापक कुलाधिपति स्वर्ण पदक (हिमाचल प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के रूप में), संस्थापक कुलपति स्वर्ण पदक (सर्वश्रेष्ठ ओवरऑल टॉपर) और संस्थापक कुलाधिपति फैलोशिप पुरस्कार (हिमाचल प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ विधि छात्र के रूप में) जैसे पुरस्कार शामिल हैं। इसके अलावा, अदिति शर्मा को 2018 के लिए न्यायमूर्ति धर्मपाल सूद स्वर्ण पदक (संवैधानिक कानून में उत्कृष्ट प्रदर्शन) प्रदान किया गया। लिपि आर्यन को 2019 के लिए के.के. लूथरा मेमोरियल गोल्ड मेडल (आपराधिक कानून) से सम्मानित किया गया। अंकिता शर्मा को 2019 के लिए तरसेम कुमार स्वर्ण पदक, श्याम सुंदर गोयल मेमोरियल स्वर्ण पदक और संस्थापक कुलपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। हिया शर्मा को 2019 के लिए संस्थापक कुलाधिपति स्वर्ण पदक और संस्थापक कुलाधिपति फैलोशिप पुरस्कार से नवाजा गया, जबकि संचित शर्मा को 2019 के लिए न्यायमूर्ति धर्मपाल सूद स्वर्ण पदक (संवैधानिक कानून में उत्कृष्ट प्रदर्शन) से सम्मानित किया गया। समारोह में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति आर. महादेवन, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. संधावालिया, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. प्रीति सक्सेना और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
GIPHY App Key not set. Please check settings