हिमवंती मीडिया/शिमला
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में इसी सत्र से अर्थशास्त्र विभाग, इतिहास विभाग और राजनीति विज्ञान में एमए, एमसीए और एमबीए कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से शुरू किए जा रहे हैं। इसी संबंध में धौलाधार परिसर-एक के सेमिनार हाल में दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने की। वहीं कुलसचिव प्रो. सुमन शर्मा, दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र के निदेशक प्रो. विशाल सूद, डॉ. ज्योत्सना दीक्षित, अतिरिक्त निदेशक, राष्ट्रीय दूरस्थ शिक्षा नवाचार केंद्र, इग्नू और प्रो. अनीता प्रियदर्शनी निदेशक, स्टाफ ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ डिस्टेंस एजुकेशन (स्ट्राइड) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) मौजूद रहे। विवि के कुलसचिव ने डॉ. ज्योत्सना दीक्षित और प्रो. अनीता प्रियदर्शनी को सम्मानित किया। वहीं मंच का संचालन करते हुए दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र के सहायक निदेशक डा. हरीश गौतम ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने मुख्य अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। इसके बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र के निदेशक प्रो. विशाल सूद ने डॉ. ज्योत्सना दीक्षित और प्रो. अनीता प्रियदर्शनी का स्वागत करते हुए हर्ष जताया कि उनके मार्गदर्शन में इस दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने इस अवसर पर मौजूद संकाय सदस्यों को इस कार्यशाला का महत्व बताया। इसके बाद कुलसचिव प्रो. सुमन शर्मा ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो. बंसल के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय लगातार अपनी छवि में तरक्की कर रहा है। इस मौके पर संकाय सदस्यों, तकनीकी स्टाफ को ई-सामग्री (ई-लर्निंग सामग्री) का विकास, वीडियो व्याख्यान का विकास, ओईआर का उपयोग और यूजीसी-डीईबी दिशानिर्देशों के अनुसार ऑनलाइन कार्यक्रमों के विभिन्न पहलुओं से रूबरू करवाया जा रहा है। दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र के सह-निदेशक डा. चमन लाल ने सभी का इस कार्यशाला में भाग लेने पर आभार जताया। कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र की कमेटी को इस कार्यशाला के आयोजन की बधाई दी और कहा कि विश्वविद्यालय एक नई पहल इसी साल करने जा रहा है। कुछ ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। जल्द ही उनकी संख्या में इजाफा किया जाएगा। उन्होंने इग्नू से आईं अधिकारियों का भी स्वागत किया और कहा कि निश्चित रूप से इस दो दिवसीय कार्यशाला को आयोजित किए जाने का उद्देश्य पूरा होगा। विश्वविद्यालय अब शोध के साथ हर क्षेत्र में अपने कदम बढ़ा रहा है। यह पहल भी उसी दिशा में की जा रही है। कुछ समय से विश्वविद्यालय अपनी पहचान को और सशक्त बनाने में कामयाब हुआ है।
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