हिमवंती मीडिया/शिमला
कुष्ठ रोग का निदान संभव है जिसका इलाज सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है। यह बात सिविल अस्पताल जुन्गा के चिकित्सा प्रभारी डॉ0 मनोज वर्मा ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान जुन्गा में वीरवार को विश्व कुष्ठ रोग निवारण दिवस के उपलक्ष्य उपस्थित लोगों को कही। जिसकी अध्यक्षता भड़ेंच पंचायत के प्रधान मदन मोहन ने की। जबकि डॉ0 पॉल सहायक निदेशक राज्य फोरेंसिंक प्रयोगशाला, अरूण रावत निदेशक ग्लाईड इन बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। डॉ0 मनोज वर्मा ने बताया कि कुष्ठ रोग माइक्रोबैक्टेरियम लेपर जीवाणु के कारण होने वाली बीमारी है। इसका पाप, ईश्वर के दंड या धर्म से कोई संबंध नहीं है।
कुष्ठ रोग एक दीर्घकालिक संक्रमण है जो मांसपेशियों में कमजोरी, त्वचा पर घाव, हाथों और पैरों में सुन्नता जैसे लक्षणों का कारण बनता है। उन्होने बताया कि कुष्ठ रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया बहुत धीरे-धीरे बढ़ते हैं इसलिए संक्रमण के लक्षण दिखने में कई वर्ष लग सकते हैं। उन्होने बताया कि विश्व में एक लाख से अधिक मरीज हर वर्ष इस बिमारी से ग्रस्त होते हैं जिनमें से 58 प्रतिशत रोगी भारत में मिलते हैं। उन्होने बताया कि प्रदेश में कुष्ठ रोग के नए 94 मामले सामने आए हैं। इस मौके पर उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई गई।
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