केंद्रीय विश्वविद्यालय ने मनाया 15वा स्थापना दिवस

हिमवंती मीडिया/शिमला

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद्मश्री प्रो. हरमोहिंदर सिंह बेदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रसंग में भारतीय भाषाओं के महत्व को दर्शाते हुए कहा कि राष्ट्रीय नीति 2020 के अनुसार प्रत्येक बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा उसकी मातृभाषा में होनी चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण के लिए ढाई लाख लोगों ने इसपर अपनी प्रतिक्रियाएं भी दीं हैं। वे बुधवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से मनाए जा रहे 15 वें स्थापना दिवस पर धौलाधार परिसर एक के सेमिनार हाल में आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए बोल रहे थे। संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के पंजाबी एवं डोगरी और हिंदी विभाग की ओर से किया गया। इस संगोष्ठी का शीर्षक ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में क्षेत्रीय भाषाओं की स्थिति’ रहा। दीप प्रज्वलन के साथ संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। पंजाबी एवं  डोगरी विभाग के अध्यक्ष डा. नरेश कुमार ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि सहित सभी गणमान्यों का स्वागत किया। इस संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल की निगरानी में हुआ । वहीं इस मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि  प्रो. राजेश्वर सिंह चन्देल, कुलपति डॉ. वाई.एस.परमार औधोगिक एवं वानिकी वि०वि०, नौणी ने अपने विचार विद्यार्थियों के समक्ष रखे। इस दौरान उन्होंने भारतीय भाषाओं के गौरवमयी इतिहास और भारत के जैविक खेती मॉडल को अपनाने पर जोर दिया।

वहीं मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. हरमोहिंदर सिंह बेदी कुलाधिपति ने गुरुमुखी लिपि के प्राचीन इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि पंजाबी भाषा की पहली पुस्तक ‘एकादशी महात्म’ है। जोकि बारहवीं सदी की रचना है। गुरु नानक और गुरु अंगद देव द्वारा गुरुमुखी लिपि के विकास के लिए किये गए कार्य पर भी प्रकाश डाला व गुरु ग्रन्थ साहिब के सांस्कृतिक एवं सामाजिक योगदान का भी उल्लेख किया। इस संगोष्ठी में प्रो. प्रदीप कुमार अधिष्ठाता अकादमिक ने भारतीय भाषाओं के संबंध में अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में प्रो. रोशनलाल शर्मा अधिष्ठाता, भाषा संकाय ने उपस्थित मुख्य अतिथि और विभिन्न विभागों से आए हुए शोधार्थियों, विद्यार्थियों के सहयोग और उपस्थिति के लिए धन्यवाद किया ।इस संगोष्ठी में डॉ. हरजिंदर सिंह पंजाबी एवं डोगरी विभाग ने मंच संचालक की भूमिका निभाई। इस अवसर पर डॉ. मलकीयत सिंह, डॉ. नरेंद्र पांडे, प्रो. हेमराज बंसल और प्रो. नडूरी गोपाल,डा. प्रीति सिंह मौजूद रहे।

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