राज्य के युवा देश की सशस्त्र सेनाओं में निभा रहे महत्त्वपूर्ण भूमिका:- डॉ. शांडिल

हिमवंती मीडिया/शिमला

स्वास्थ्य एवं सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि राज्य के युवा देश की सशस्त्र सेनाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और सरकार हमारे वयोवृद्ध युद्ध सैनिकों, विकलांग सैनिकों, पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों और सेवारत सैनिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह बात सैनिक कल्याण विभाग और हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक निगम के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों और उनके परिवार के सदस्यों को रोजगार प्रदान करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युद्ध स्मारकों और सैनिक विश्राम गृहों का निर्माण, रखरखाव और सौंदर्यीकरण भी प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। मंत्री ने वयोवृद्ध युद्ध सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण, पुनर्वास और वित्तीय सहायता के लिए विभाग और निगम द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी नीतियों, कार्यक्रमों और विकास गतिविधियों की प्रशंसा की। सैनिक कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि यह लोगों के लिए गर्व की बात है कि हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे से राज्य में 1,191 वीरता/विशिष्ट पुरस्कार विजेता हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने वीरता पुरस्कार विजेता योजना के तहत उनके कल्याण के लिए इस वित्त वर्ष में 250 लाख रुपये आवंटित किए हैं।

सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने अनुग्रह अनुदान की दरों में 1.5 गुणा वृद्धि की है और वृद्धावस्था पेंशन की पात्रता के लिए आय सीमा को समाप्त किया गया है। सरकार ने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के वयोवृद्ध सैनिकों,  गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों और विधवाओं की वृद्धावस्था पेंशन के लिए 671.40 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। युद्ध जागीर योजना के लाभार्थियों के लिए 15 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है। इसी प्रकार, अनुग्रह, विभिन्न संगठनों को सहायता और पूर्व सैनिकों के पुनर्वास और रोजगार के लिए विशेष निधि के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने निगम की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए बताया कि राज्य या केंद्र सरकार के संस्थानों की 139 परियोजनाओं में कुल 4,005 पूर्व सैनिकों को रोजगार सुनिश्चित किया गया है। इनमें से 2,075 पूर्व सैनिकों को राज्य के भीतर और 1930 पूर्व सैनिकों को राज्य के बाहर रोजगार प्रदान किया गया है। पिछले दो वर्षों में पूर्व सैनिकों के 115 ट्रक सीमेंट कारखानों लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि निगम स्वरोजगार पहलों को समर्थन देने के लिए रियायती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध करवा रहा है। भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों की एसएसबी और नीट/जेईई की कोचिंग फीस का शत-प्रतिशत भुगतान निगम द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर सैनिक कल्याण के सचिव राकेश कंवर सहित विभाग व निगम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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