हिमवंती मीडिया/धर्मशाला
उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने अपनी धर्मपत्नी एवं बेटी सहित 39 मील के सिहोलपुरी में गुरू पर्व पातशाही दसवीं श्री गुरु गोविंद सिंह गुरुद्वारा में जा कर माथा टेक कर गुरवाणी सुनी और प्रसाद ग्रहण किया। पठानिया ने कहा कि देश-धर्म के लिए श्री गुरु गोबिन्द सिंह का महान बलिदान रहा है इतिहास पुरूष कभी भी राजसत्ता प्राप्ति, जमीन-जायदाद, धन सम्पदा या यश प्राप्ति के लिए लड़ाईयां नहीं लड़ते। श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी ऐसे इतिहास पुरूष थे, जिन्होनें ताउम्र अन्याय, अधर्म, अत्याचार और दमन के खिलाफ तलवार उठाई और लड़ाईयां लड़ी।
गुरू जी की तीन पीढ़ियों ने देश धर्म की रक्षा के लिए महान बलिदान दिया। गुरु गोविंद सिंह, सिख धर्म के दसवें गुरु, एक महान नेता और समाज सुधारक थे। उन्होंने सिख धर्म को नई दिशा दी और खालसा पंथ की स्थापना की, जिससे सिखों का समाज मजबूत और एकजुट हुआ। गुरु गोविंद सिंह ने धर्म, न्याय और समाज में समानता की महत्वपूर्ण शिक्षाएँ दीं और उन्होंने हमेशा सच्चाई और धर्म के लिए अपने सिद्धांतों का पालन किया। गुरु गोविंद सिंह का जीवन और उनके सिद्धांत इतने महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक थे इस मौके पर गुरुद्वारा कमेटी के सभी सदस्य गण एवं स्थानीय जनता उपस्थित रही।
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