जिला स्तरीय निगरानी समिति (डी-एमसी) की बैठक का आयोजन

हिमवंती मीडिया/मंडी

मंडी जिला में “केन्द्रीय प्रायोजित 10000 एफपीओ के गठन एवं संवर्द्धन योजना” के अंतर्गत प्रगति की समीक्षा के लिए नाबार्ड द्वारा माननीय उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन, आई.ए.एस. की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उदेश्य जिले में योजना के अंतर्गत गठित किसान उत्पादक संगठनों के विकास और कामकाज की प्रगति की बारीकी से निगरानी और समीक्षा करना है । अध्यक्ष ने बताया कि योजना के अंतर्गत कार्यान्वयन एजेंसियां जैसे नाबार्ड, एनसीडीसी, एसएफएसी एवं नेफेड ने क्लस्टर आधारित व्यवसाय संगठन (सी.बी.बी.ओ) के माध्यम से 18 एफपीओ का गठन किया, जो कंपनी अधिनियम और सहकारी समिति अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत किए गए हैं । एफपीओ की प्रगति की समीक्षा करते हुए, अध्यक्ष महोदय ने सभी एफपीओ को बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने हेतु निर्देश दिये। उन्होंने सुझाव दिया कि जिले में सभी किसान उत्पादक संगठन, जो  खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों में शामिल हैं, अपनी आय बढ़ाने के लिए अपने क्षेत्र में एक विपणन आउटलेट खोल सकते हैं। इसके अलावा उन्होने कहा, चूंकि लगभग सभी किसान उत्पादक संगठनों ने आवश्यक लाइसेंस प्राप्त कर लिए हैं वे अपने सदस्यों को खाद, बीज और दूसरी सेवाएँ प्रदान करें। अध्यक्ष ने निर्देश दिये कि सभी सी.बी.बी.ओ. उनके द्वारा प्रोमोट किए गए किसान उत्पादक संगठनों के बिज़नस पर ध्यान दें और उनके व्यापार मात्रा को बढ़ाने हेतु मदद करें। महोदय ने उत्पादक संगठनों द्वारा लाये गए उत्पादों का भी निरीक्षण किया और कहा कि सभी एफ़पीओ उनके उत्पादों की पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर खास ध्यान दें ।

डीडीएम, नाबार्ड, राकेश वर्मा ने बताया कि जिले में 14 ब्लॉक हैं, जहां उक्त परियोजना के अंतर्गत गठित 18 संगठनों  के माध्यम से 5000 से अधिक किसान सदस्य विभिन्न सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। इन संगठनों की प्रमुख गतिविधियां, सब्जियों, सेब और अन्य खाद्यानों का एकत्रीकरण एवं विक्रय, खाद्य प्रसंस्करण, आदि शामिल हैं।  इन संगठनों के सदस्यों को एफपीओ के माध्यम से उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिल रहा है। डीडीएम नाबार्ड ने बताया कि कृषि विभाग मंडी के सहयोग से स्पेशल ड्राइव के तहत सभी पात्र एफपीओ को खाद, बीज जैसे विभिन्न लाइसेंस दिलवाए गए हैं। उप निदेशक, कृषि विभाग मंडी ने बताया कि कोई भी पात्र एफ़पीओ जो इस दौरान लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं दे पाये वे विभाग में आवेदन दे सकते हैं। बैठक के दौरान सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न परियोजनाओं जैसे कृषि अवसंरचना निधि (AIF), किसान उत्पादक संगठनों के लिए नाबार्ड और एनसीडीसी द्वारा संचालित ऋण गारंटी निधि, इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया। बैठक में अन्य लोगों के अलावा रामचंदर, उप निदेशक, कृषि विभाग मंडी, योग राज, डी.पी.डी., आत्मा परियोजना, बिक्रमजीत, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, मंडी, अमित कुमार, एल.डी.एम., मंडी, एच.एस. ठाकुर, सहायक सचिव, ए.पी.एम.सी, मनीष पराशर, विश्लेषक ई-नाम, डॉ. शकुंतला राही, के.वी.के. मंडी, डॉ. पूजा गौतम, एस.एम.एस. बागवानी विभाग, डॉ. ए.आर.एस. कटवाल, सहायक निदेशक, पशुपालन और अरावली, त्रेता एग्रो, हिमोर्ड, डिवाइन इंटरनेशनल फाउंडेशन और मार्गदर्शक के प्रतिनिधि शामिल हुए।

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