ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण को प्राथमिकता दे रही सरकार:- कृषि मंत्री

हिमवंती मीडिया/धर्मशाला

कृषि मंत्री प्रो चंद्र कुमार ने कहा है कि वर्तमान सरकार सभी गारंटियों को चरणबद्व तरीके से पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि और बागवानी का महत्वपूर्ण योगदान है और लोगों की आर्थिकी में इसके महत्व को देखते हुए राज्य सरकार इस क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। रविवार को होटल कुनाल में आयोजित प्रेस वार्ता में कृषि मंत्री प्रो चंद्र कुमार ने कहा कि अपनी गारंटी के अनुसार वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। हिमाचल प्रदेश गेहूं और मक्की की सर्वाधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है। राज्य में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों से गेहूं 40 रुपये और मक्की 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीद का कार्य शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की के आटे को ‘हिमभोग’ ब्रांड के साथ बाजार में उतारेगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस ब्रांड का शुभारम्भ किया जाएगा और इसे बाजार में उपलब्ध करवाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अभी तक वर्तमान सरकार के प्रयासांे से प्राकृतिक खेती से जुड़े 1506 किसान परिवारों से 4000 क्विंटल से अधिक मक्की की खरीद की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 35000 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है जिससे 1.98 लाख किसान जुड़े हैं। इन किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने डेढ़ लाख से अधिक किसानों का निःशुल्क प्रमाणीकरण भी किया है तथा इस वर्ष 36000 किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए 10 मंडियों में आधारभूत ढांचा विकसित कर रही है ताकि उन्हें अपना उत्पाद बेचने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि कृषि को रोजगार से जोड़ना 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्टअप योजना का तीसरा चरण है। उन्होंने कहा कि हमने न सिर्फ प्राकृतिक खेती के उत्पादों को समर्थन मूल्य दिया है बल्कि गाय का दूध 45 रुपये और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। उन्होनें कहा कि वर्तमान सरकार राज्य में बुद्ध सर्किट, इको-टूरिज्म और कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के लिए प्रयासरत हैं। प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से प्रभावितों को 4500 करोड़ रुपये का पैकेज प्रदान किया। भाजपा नेताओं ने आपदा में भी स्वार्थ की राजनीति की। केंद्र सरकार के पास प्रदेश के 9000 करोड़ रुपए की आपदा राहत अभी भी लंबित है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार किया भाजपा नेताओं ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के भरपूर प्रयास किए लेकिन प्रदेश की प्रबुद्ध जनता ने उनके सभी मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

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