सेब बागवानों को नुकसान का जायजा लेकर उचित मुआवजा दे सरकार:- संदीपनी

हिमवंती मीडिया/शिमला

भाजपा प्रवक्ता सांदीपनि भारद्वाज ने किसानों का विषय उठाते हुए वर्तमान कांग्रेस सरकार पर हमला बोला। भारद्वाज ने कहा कि कुछ दिन पहले हिमाचल प्रदेश में भारी तूफान आया था जिसके कारण हिमाचल प्रदेश में 90% किसानों को क्षति पहुंची है, इस क्षति का पूर्ण आकलन हिमाचल प्रदेश सरकार को करना चाहिए पर अभी तक हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस विषय की ओर सोचा भी नहीं है। उन्होंने कहा कि चाहे आप सेब की बात करें या मैदानी फलों एवं सब्जियों की इस तूफान से भारी भरकम क्षति हिमाचल प्रदेश के किसान भाइयों एवं बहनों को हुई है। सब के पौधों में फ्लावरिंग हो चुकी थी जो इस तूफान में झड़ गई है, कई स्थानों पर सब के पेड़ों की टहनियां टूट कर गिर गई और अधिकतम जगह पर तो पूरे पूरे पेड़ ही जड़ समेत बाहर आ गए। इसके बारे में वर्तमान कांग्रेस सरकार को सोचना चाहिए और तुरंत एक्शन भी लेना चाहिए, क्षति के मुताबिक किसानों को उचित मुआवजा भी देना चाहिए पर मुआवजा तो तब मिलेगा जब सरकार द्वारा कोई रिपोर्ट बनाई जाएगी।

संदीपनी ने कहा की तूफान के कारण खेतों में खड़ी सेब, मटर, गेहूं और जौ की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। रामपुर के मिझाली, लड़ोट, निरसू क्षेत्र के लोगों ने स्वयं बताया है की ‘सेब में फ्लावरिंग को नुकसान हुआ है और पलम के पेड़ों से फल नीचे गिर गए है, इसके साथ ही दूसरी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी मेहनत से इन फसलों को तैयार किया था, लेकिन एक ही रात में सब कुछ बर्बाद हो गया, अब उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। प्रशासन को नुकसान का जायजा लेकर उचित मुआवजा देना चाहिए। इस मौके पर भाजपा, कांग्रेस सरकार को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भी याद दिलाना चाहती है। प्रदेश की मुख्य फसलों जैसे गेहूँ, मक्की, धान, जौ, सेब को प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि आग, आसमानी बिजली, सूखा, शुष्क अवधि, बाढ़, जल भराव, ओलावृष्टि, चक्रवात, तूफान, भूसंखलन, बादल फटना, कीट व रोगों आदि से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति हेतु “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” में शामिल किया गया है। (केन्द्रीय हिस्साः राज्य हिस्सा, 90:10) इसके अलावा अगर किसान कम वर्षा या प्रतिकूल मौसमी व्यवहार के कारण समय पर बुवाई नही कर पाता है तो भी उसे बीमा आवरण मिलेगा। इसके साथ इस योजना में कटाई के उपरांत खेत में सुखाने हेतु रखी फसल यदि 14 दिन के भीतर चक्रवाती बारिश, चक्रवात, ओलावृष्टि व बेमौसमी बारिश के कारण खराब हो जाती है तो क्षतिपूर्ति का आकंलन खेत स्तर पर ही किया जायेगा।

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