हिमवंती मिडिया/कुल्लू- मनाली(रमेश कँवर)

होटल एसोसिएशन के निवर्तमान उपाध्यक्ष रोशन ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वेलनेस सेंटर, होटल और अस्पतालों के लिए दरवाजे खोले हैं जिसका वह स्वागत करतें है लेकिन प्रदेश पर्यटन परियोजनाओं के लिए धारा 118 में ढील देना उचित नहीं। इससे प्रदेश के लोगों को नुकसान होगा जबकि बाहरी उद्योगपतियों का प्रदेश में कब्जा हो जाएगा। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा की प्रदेश सरकार अपनों को कड़े नियम कर रही है जबकि बाहरी लोगों को खुली छूट दे रही है। उन्होंने कहा की प्रदेश के लोगों विभागों की औपचारिकताओं में डूबते जा रहे हैं जबकि सरकार बाहरी लोगों को नए होटल, वेलनेस सेंटर और अस्पताल परियोजनाओं के लिए सभी सरकारी मंज़ूरी 30 दिनों के भीतर प्रदान करने की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कहां तक न्याय संगत है। बेहतर कनेक्टिविटी के प्रयास करने की बात सराहनीय है लेकिन अपनों के बजाए दूसरों को तवज्जो देना सही निर्णय नहीं है।
उन्होंने कहा कि बाहरी व्यक्ति को नए होटल, वेलनेस सेंटर और अस्पताल परियोजना के लिए एक महीने के भीतर सभी सरकारी मंजूरी देना उचित निर्णय नहीं। रोशन ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोगों ने करोड़ों के कर्ज लेकर होटलों का निर्माण किया है। सरकार को चाहिए था कि प्रदेश के होटल संचालकों की मदद करती लेकिन मदद करने के बजाए सरकार नियम कड़े कर इन होटल संचालकों की दिक्कत बढा रही है। उन्होंने बताया कि अग्नि शमन विभाग की एनओसी इन दिनों पुराने होटल मालिकों के लिए गले की हड्डी बनी हुई है। रोशन ठाकुर ने कहा कि लेबर आफिसर 2008 के बाद बने होटलों को एक प्रतिशत टोटल प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स के उपर सेस चार्ज के नोटिस दे रहे हैं जो जायज नहीं है।सरकार राहत की बात दिशा न कर धारा 118 में ढील की बात कर रही है जिसे बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समर सीजन सर पर है। ऐसे में नग्गर केसेल को बन्द करना कहां तक उचित है। प्रदेश सरकार आए दिन होटल संचालकों पर चार्ज के उपर चार्ज लगाए जा रही है जो न्याय संगत नहीं। उन्होंने कहा कि वेलनेस, धार्मिक और स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देने की बात का स्वागत करते हैं लेकिन धारा 118 में ढील के मामले पर सरकार पुनः सोचविचार करे अन्यथा होटल कारोबारी सड़क में उतरने को विवश होंगे।
GIPHY App Key not set. Please check settings