हिमवंती मीडिया/शिमला
लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार हिमाचली युवाओं को रोज़गार और स्वरोजगार के अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैै। हालांकि सरकारी क्षेत्र में रोज़गार प्रदान करने की एक सीमा है लेकिन सरकार शिक्षित युवाओं को सरकारी और निजी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रोज़गार के अवसर दिलाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जल विद्युत परियोजनाओं, पर्यटन, पशुपालन, प्राकृतिक खेती, कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के माध्यम से रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर पैदा करने की दिशा में कदम उठा रही है। राज्य सरकार ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में 42 हजार से अधिक युवाओं को नौकरियों के अवसर प्रदान किए हैं, जबकि पूर्व भाजपा सरकार अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में मात्र 20 हज़ार नौकरियां ही दे पाई। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने 20 हजार 254 पदों के सृजन और उन्हें भरने की मंजूरी प्रदान की है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में अब तक 3,202 पद भरे जा चुके हैं और इस वर्ष लगभग 8 हजार पद और भरे जाएंगे। इनमें 2095 टीजीटी, शास्त्री और जे.बी.टी के पद शामिल हैं। इसके अलावा, 245 पद स्पेशल एजुकेटर और 6297 पद एन.टी.टी शिक्षकों के शामिल हैं। उच्च शिक्षा विभाग में भी 1097 पद भरे गए हैं और 1,337 कर्मचारियों को नियमित किया गया है। 769 कम्प्यूटर टीचर्ज के पद और एसएमसी शिक्षकों के पदों को एलडीआर के माध्यम से भरा जा रहा है।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि युवाओं को रोज़गार के अवसर जुटाने के लिए प्रदेश सरकार ने 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोज़गार स्टार्ट-अप योजना शुरू की है जिससे ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। बागवानों की आय बढ़ाने के लिए उनकी मांग पर बागवानी उत्पादों की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन की सुविधा प्रदान की गई है जिससे इस साल उन्हें सेब के अच्छे दाम मिल पाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता हिमाचल के हितांे की पैरवी करने के बजाय दिल्ली जाकर राज्य सरकार को मिल रहे सहयोग को बंद करवाने का कार्य कर रहे हैं। भाजपा नेता केवल राजनीतिक लाभ के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं लेकिन उन्हें यह बात समझनी चाहिए कि हिमाचल प्रदेश के पास अधिक संसाधन नहीं है, इसलिए केंद्र का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बजट में जम्मू-कश्मीर के लिए 25 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया गया है लेकिन हिमाचल प्रदेश मंे आई भीषण प्राकृतिक आपदा की एवज में अभी तक एक पैसा भी नहीं मिला है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण का खाका तैयार किया जा चुका है और केंद्र सरकार ने मंजूरी प्रदान की है कि इस परियोजना के पहले चरण की कच्ची सड़कों को पक्का किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ढली से रामपुर बुशहर तक सड़क मार्ग को फोर लेन बनाने के लिए केंद्र सरकार से मामला उठाया जाएगा और इस कार्य में अधिक से अधिक सुरंगों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि पर्यावरण और वन सम्पदा को कम से कम नुकसान पहुंचे।
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