प्रदेश में अगर पहली बार किसी सरकार ने ऋण लिया है तो वह कांग्रेस की वीरभद्र सरकार रही:- विनोद

हिमवंती मीडिया/शिमला
भाजपा के प्रदेश सचिव एवं विधायक्ष विनोद कुमार ने कहा कि हिमाचल सरकार में मंत्री राजेश धर्माणी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसमें उन्होंने पूर्व में जो हमारी सरकार रही है उस के ऊपर तथ्यों से परे, बिल्कुल झूठे आरोप लगाने की कोशिश की है। जहां तक हिमाचल प्रदेश के ऋण की बात है तो मुझे ध्यान में है कि प्रदेश के पूर्व में रहे मुख्यमंत्री शांता कुमार जब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने हिमाचल प्रदेश को कर्ज से मुक्त किया था, वह पहले मुख्यमंत्री थे शांता कुमार जो इस सोच को लेकर के चले थे कि हमने हिमांचल प्रदेश को कर्ज लिए बिना विकास को गति देते हुए आगे लेकर के जाना है। विनोद ने कहा कि हिमांचल प्रदेश में अगर ऋण लेने की शुरुआत किसी सरकार ने की है तो कांग्रेस पार्टी की राजा वीरभद्र सिंह की सरकार ने की थी, तो पहली बार ऋण उस वक्त लिया गया जब राजा जी मुख्यमंत्री थे और जहां तक बात आती है इस प्रदेश को कर्जे में डुबोने की, तो आप सारे आंकड़ों को निकाल करके देख सकते हो कि किसकी सरकार ने कितना ऋण लिया। ऋण के साथ कितना पैसा उस ऋण के वापस भी किया है, इन सारी चीजों को आप विस्तृत देख सकते हो। यह भी मैं आप सबसे कहना चाहता हूं मेरी जानकारी के अनुसार पूर्व भाजपा मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल की 2007 से 2012 तक की सरकार बनी, आप सबके ध्यान में है और सरकार ने केवल 7466 करोड़ रुपया ऋण लिया और वह भी प्रदेश के विकास को करने के लिए लिया गया और अगर मैं आप 2007 से 2012 तक की सरकार को देखेंगे, चाहे आम जनन मानस की बात हो, चाहे कर्मचारियों की बात हो उसमें आमजन को भी पूरी तरह से खुश करने का काम किया था।
आमजन की बेहतरी के लिए काम किया गया था, उस सरकार के माध्यम से और मुझे ध्यान में है क्योंकि मैं उस वक्त राजनीति में नहीं था लेकिन कर्मचारियों को 7-9-14 देने का काम किया था और कर्मचारियों की जो सैलरी सीधे दो गुना हुई गई थी यानी डबल हुई थी। तो वो काम अगर करने का काम किया था, तो प्रो धूमल की भाजपा सरकार ने करने का काम किया था, उसके बाद चुनाव हुआ 2012 में किनी कारणों से हमारी सरकार नहीं बन पाई 2012 से 2017 तक कांग्रेस पार्टी की सरकार राजा वीरभद्र सिंह के राज में प्रदेश में चली और उस सरकार ने 22947 करोड़ रुपए का ऋण प्रदेश के विकास कार्य के लिए था। उस सरकार के माध्यम से लिया गया और कुल मिलाकर के इन पाच वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश के ऊपर कुल 47966 करोड़ रुपए का ऋण हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की वीरभद्र सिंह की सरकार छोड़ कर के गई थी। 2017 में चुनाव हुआ भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में बनी यानी जयराम ठाकुर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने उस समय 5 साल में सरकार ने कोरोना जैसी महामारी के बावजूद केवल 18 हजार करोड़ के लग भग लोन लिया।  उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का काम केवल मात्र झूठ बोलना, जनता को भटकना और ब्रह्म पैदा करना है।

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