हिमवंती मीडिया/शिमला

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि केंद्र से हिमाचल को लगातार भरपूर मदद मिल रही है पर कांग्रेस के मंत्री एवं नेता केवल मात्र केंद्र सरकार को बेवजह कोसने का नकारात्मक कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि हाल ही में राजस्व घाटे के लिए राज्य को मुआवजा के रूप में केंद्र सरकार 50 करोड़ 93 लाख रु मिले है, इसी प्रकार पूंजीगत व्यय में राज्य को विशेष सहायता हेतु योजना के अंतर्गत हिमाचल को 1050.25 करोड़ प्राप्त हुए है। फिर भी प्रदेश सरकार ने एक बार भी केंद्र सरकार का धन्यवाद नहीं किया है, अगर हम बात करें तो विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हिमाचल को केंद्र से 10 हजार करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त होती है और सरकार इस विषय पर मौन रहते है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह मौन व्रत इसलिए लिया है क्योंकि वह केवल जनता को गुमराह करना चाहती है, केवल मात्र झूठे आंसू बहा कर कांग्रेस पार्टी जनता के सामने लाचार बनना चाहती है। नंदा ने कहा कि अकेले कैम्पा फंड के अंतर्गत हिमाचल को इस वर्ष दो किश्तों में 746.84 करोड़ रु केंद्र सरकार से प्राप्त हुए है। राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के तहत 90 करोड़, एनडीआरएफ में 85.17 करोड़, एसडीआरएफ में 378.40 करोड़ रु प्राप्त हुए है। प्रदेश में चुनावों के संचालन के लिए 100 करोड़, ग्रामीण स्थानीय निकाय अनुदान के लिए 422.74 करोड़, एनएचएम के तहत 269.76 करोड़ और स्वास्थ्य अनुदान के लिए 6 करोड़ से अधिक की राशि मिली है।
नंदा ने कहा की कांग्रेस सरकार को केंद्र से मिल रही मदद राशि को गौर से देखना चाहिए और फिर बयानबाजी करनी चाहिए, केवल मात्र अपने कुप्रबंधन को छुपाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। केंद्र सरकार ने पीएम पोषण योजना के तहत मिड-डे मील के लिए हिमाचल को 26 करोड़ दो लाख 49 हजार रुपये की ग्रांट जारी कर दी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की यह तीसरी ग्रांट है। अभी तक इस योजना में केंद्र से 65.84 करोड़ मिले है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जल्द जिलावार धनराशि का आवंटन किया जाएगा। प्रदेश के 10,732 प्राथमिक स्कूलों के 3,06,639 और 4,783 माध्यमिक स्कूलों के 2,12,850 विद्यार्थियों को मिड-डे मील दिया जाता है। प्री-प्राइमरी कक्षाओं के 51,000 बच्चों को भी मिड-डे मील सुविधा दी जा रही है। केंद्र प्रायोजित इस योजना में हिमाचल को 90:10 के अनुपात में बजट मिलता है। दोपहर का भोजन तैयार करने वाले 22 हजार कर्मियों के वेतन के लिए भी इसी राशि से बजट जारी किया जाता है। काफी समय से यह ग्रांट जारी नहीं हुई थी।
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