मुख्यमंत्री ने की हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता

हिमवंती मीडिया/शिमला

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आयोजित हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की। मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी तथा उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखा। मंत्रिमंडल ने देश तथा हिमाचल प्रदेश के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। डॉ. मनमोहन सिंह की दूरगामी सोच और सहयोग के कारण ही राज्य में कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाएं सफलतापूर्वक कार्यान्वित हुई हैं, जिनमें अटल सुरंग, तीन चिकित्सा महाविद्यालय, नेरचौक में ईएसआईसी अस्पताल, आईआईटी मंडी, आईआईआईटी ऊना, कांगड़ा में केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने विस्तृत और बहुआयामी योजना के अंतर्गत प्रदेश में नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने और नशीली दवाओं की तस्करी तथा संगठित अपराध नेटवर्क को खत्म करने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स की स्थापना को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1ए में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी करने को मंजूरी दी है। इस संशोधन से राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी से हिमाचल प्रदेश काश्तकारी और भूमि सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118(2)(एच) के तहत सुरक्षित हस्तांतरण और पट्टा लेन-देन पर 12 प्रतिशत की एक समान स्टाम्प ड्यूटी दर लगाई जा सकेगी। मंत्रिमंडल ने सफेदा, चिनार और बांस तथा बिक्री के लिए दस वर्षीय कार्यक्रम के अनुसार खैर की कटाई के अतिरिक्त अन्य पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने को मंजूरी देने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने राज्य के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की शिकायतों के निवारण के लिए ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के लिए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने भारत सरकार से किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना के विद्युत घटक के लिए 90ः10 वित्तपोषण फार्मूला अपनाने के आग्रह को दोहराया, जो जल घटक के लिए अपनाए गए फार्मूले के समान है। इसके स्थान पर अंतर-राज्यीय समझौते के तहत विद्युत घटक के लिए राज्य सरकार द्वारा देय संपूर्ण राशि के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया।

इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने पांच मेगावाट से अधिक क्षमता वाली जल विद्युत परियोजना और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के अलावा हरित हाइड्रोजन, बायोमास और पम्प स्टोरेज परियोजनाओं के आंवटन और निगरानी का कार्य ऊर्जा विभाग को सौंपने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने नालागढ़ में एक मेगावाट हरित हाइड्रोजन प्रोजैक्ट स्थापित करने को मंजूरी प्रदान की, जिसका क्रियान्वयन एचपीपीसीएल द्वारा किया जाएगा। मंत्रिमडल ने पम्प स्टोरेज परियोजना के लिए हरित ऊर्जा विकास शुल्क लगाने को मंजूरी दी। परियोजना के आरम्भ होने के बाद पहले 10 वर्षों के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति मेगावट प्रतिवर्ष का शुल्क लगाया जाएगा। इसके उपरान्त इस शुल्क को बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति मेगावाट कर दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने वैट, सीएसटी, प्रवेश कर आदि अधिनियमों के तहत लंबित मामलों, मुद्दों और बकाया का निपटान करने के लिए हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना-2025 शुरू करने को मंजूरी दी। बैठक में ग्रीन बैल्ट में लोगों का दखल कम करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए जिला शिमला के तारा देवी मंदिर के आस-पास के क्षेत्र को हरित क्षेत्र के दायरे में लाने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग, शिमला के लिए जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 10 पदों को सृजित करने भरने का निर्णय लिया। बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से ग्रुप-सी पदों की भर्ती के लिए कम्प्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के अन्तर्गत उन्नत कम्प्यूटर विकास केंद्र (सी-डैक) चयनित करने को भी स्वीकृत प्रदान की। मंत्रिमंडल ने लोगों की सुविधा के लिए जिला कांगड़ा की पंचरुखी उप-तहसील को स्तरोन्नत कर तहसील बनाने का निर्णय लिया। बैठक में जिला शिमला के धमवाड़ी, जिला चंबा के साहो और जिला कांगड़ा के चचियां में नई उप-तहसील खोलने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने सिरमौर जिले के मौजूदा खंड प्राथमिक शिक्षा कार्यालय शिलाई को विभाजित करके खंड प्राथमिक शिक्षा कार्यालय रोहनाट को सृजित करने का निर्णय लिया। बैठक में विकास खंड लंबागांव की तीन ग्राम पंचायतों मटयाल, कुड़ाल और ढडोल को जिला कांगड़ा के विकास खंड बैजनाथ में स्थानांत्रित करने का निर्णय लिया ताकि इन क्षेत्रों के निवासियों को बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें। मंत्रिमंडल ने बद्दी-बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025 को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने डोमेन-विशिष्ट निकायों से डाटा एकत्रित करने, नया डाटा बेस विकसित करने और व्यापक जल संबंधी जानकारी प्रसारित करने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य जल सूचना विज्ञान केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी। बैठक में शिमला जिला के भोलार रथाल जातर मेले को जिला स्तरीय मेला घोषित करने का निर्णय लिया।

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