हिमवंती मीडिया/शिमला
बिजली के खंबे पर लंगूर के लटकने से पीरन पंचायत में 17 घंटे उपरांत विद्युत आपूर्ति बहाल हुई। लोगों के बिजली के उपकरण, मोबाईल रिर्चाज न होने बंद हो गए। कड़कती ठंड के बावजूद पीरन पंचायत के लोगों को अंधेरे में ही रात गुजारनी पड़ी । बता दें कि बीते रोज रविवार की सांय चार बजे पीरन के समीप बिजली की तार पर लंगूर को करंट लगने से तारों का शार्ट सर्कट हो गया था ं। जिससे ट्रांस्फार्मर से फ्यूज उ़ड़ गया । स्थानीय लोगों द्वारा सोमवार की सुबह लंगूर को बिजली की तारों से बड़ी मुशक्त से निकालने के उपरांत लोगों ने ही रिस्क लेकर फ्यूज लगाना पड़ा तब बिजली बहाल हुई। आलम यह है कि विद्युत उप मंडल जुन्गा में स्टाफ की कमी के चलते कर्मचारी को करीब 36 किलोमीटर का सफर तय करके पीरन में मात्र एक फ्यूज लगाने आना पड़ता है।
इस क्षेत्र के लोगों ने सरकार से बीते कई वर्षों से पीरन में एक टी मेट अथवा लाईनमेन के पद भरने की मांग की जा रही है परंतु आज तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। वरिष्ठ नागरिक दयाराम वर्मा , प्रीतम सिंह ठाकुर का कहना है कि इस पंचायत में बीते एक सप्ताह से अघोषित कट लग रहे है जिससे सर्दियों में लोगों को बहुत परेशानी हो रही है । इन्होने बताया कि लोगों की मांग पर करीब एक वर्ष से पीरन पंचायत को राजगढ़ के शीलाबाग सब स्टेशन से जोड़ा गया है । इससे पहले कोटी नीन से इस क्षेत्र को विद्युत आपूर्ति की जाती थी परंतु सर्दियों में कोटी नीन में बर्फ गिरने से कई दिनों तक ब्लैक ऑउट रहता था। गौर रहे कि विद्युत उप मंडल जुन्गा स्टाफ की कमी से बीते दो वर्ष से जूझ रहा है । सहायक अभियंता का एक पद एक वर्ष उपरांत भरा गया है जबकि जेई सहित कुल 16 पद रिक्त चल रहे हैं । इसी कारण एक फ्यूज के लगाने में कई बार दो दिन भी लग जाते हैं। उप मंडल के 136 ट्रांस्फार्मर का जिम्मा केवल 12 फील्ड कर्मचारियों के कंधे पर है। एसडीओ उप मंडल जुन्गा यंशवंत सिंह ने बताया कि पीरन पंचायत को राजगढ़ के शीलाबाग से जोड़ा गया जिस कारण विद्युत आपूर्ति सामान्य बनाए रखने में दिक्कत पेश आ रही है।
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