हिमवंती मीडिया/शिमला
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से 9वीं राज्यव्यापी भूकंप मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। यह मेगा मॉक ड्रिल आगामी 6 जून को हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों में उपमंडल स्तर तक एक साथ आयोजित की जाएगी। इस राज्य व्यापी मेगा मॉक ड्रिल (भूकंप) को लेकर आज यहां टेबल टॉप अभ्यास का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भूकंप जैसी आपात स्थिति में आपदा प्रबंधकों की भूमिका और विशेषज्ञों से आपात राहत की नवीनतम कार्यप्रणाली को सीखना रहा। इस दौरान राज्य में सामयिक परिप्रेक्ष्य में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने संबंधी विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सुधीर बहल नेे अधिकारियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि मॉक ड्रिल करते समय धरातल स्तर पर सभी विभागों में पूरी तरह समन्वय स्थापित होना चाहिए ताकि मॉक ड्रिल के माध्यम से जमीनी स्तर पर त्वरित प्रक्रिया के बारे में वास्तविक स्थिति का पता चल सके। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में टेबल टॉप अभ्यास के आयोजन से ज्ञान का आदान-प्रदान और रणनीतिक तरीके से योजना तैयार की जाती है।
उन्होंने कहा कि 6 जून को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पर्यवेक्षकों तथा सेना एवं अर्धसैनिक बलों के सहयोग व मार्गदर्शन में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मॉक ड्रिल प्रभावी आपदा तथा घटना प्रतिक्रिया योजना और कमियों को दर्शाने में प्रभावी सिद्ध होगी। सुधीर बहल नेे राज्य मुख्यालय में मौजूद तमाम अधिकारियों सहित वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों, जिला अधिकारियों एवं उपमंडल स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को मॉक ड्रिल के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) सैयद अता हसनैन ने वर्चुअल माध्यम से मैगा मॉक अभ्यास को लेकर विचार साझा किये तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। निदेशक व विशेष सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन डीसी राणा ने कहा कि मॉक ड्रिल के लिए प्रदेश के सभी 12 जिलों में उपमंडल स्तर तक भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा को लेकर परिदृश्य बनाया जाएगा और सभी इस अभ्यास में सक्रिय तौर पर भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यह मॉक ड्रिल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सेना और अर्धसैनिक बलों के कर्मचारियों के सहयोग से की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त प्रयासों से यह मैगा मॉक अभ्यास प्रदेश में आपदा प्रबंधन की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा। राज्य स्तर पर प्रशासन, पुलिस, थल सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, दीपक प्रोजेक्ट, आईटीबीपी, एसएसबी, बीआरओ, राज्य तथा जिला अंतर समूह एजेंसी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी जबकि वर्चुअल माध्यम से विभिन्न जिलों के उपायुक्त, जिला आपदा प्रबंधन टीम के सदस्य तथा उपमंडल स्तर के अधिकारी इस टेबल टॉप अभ्यास में मौजूद रहे।
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