हिमवंती मीडिया/मिस्सरवाला
दर्जनों ऑटो-रिक्शा चालकों के बीच सेवा भावना और मानवता की हमदर्दी जैसे विषयों पर मदरसा क़ादरिया, मिस्सरवाला (हिमाचल प्रदेश) में एक विशेष सभा का आयोजन किया गया। जिसमें मौलाना क़बीरुद्दीन फ़ारान साहब तथा मदरसा के शिक्षकगण और विद्यार्थियों ने इन अतिथियों का गर्मजोशी से इस्तक्बाल किया। मौलाना फ़ारान साहब ने कहा कि यह कार्य केवल आजीविका और आमदनी का जरिया नहीं, बल्कि अगर आप इसे नियत की सच्चाई, ईमानदारी और मदद के जज़्बे के साथ करते हैं, तो यह एक इबादत बन सकता है। इस्लाम में किसी को रास्ता दिखाना या भलाई की नीयत से किसी की मदद करना बडे सवाब का कार्य है। आपका प्रतिदिन सैकड़ों लोगों से संपर्क होता है। यदि आप शराफ़त, अच्छे अख़लाक़ और मदद की भावना से हर सवारी को उसके स्थान तक पहुँचाते हैं, तो यह बहुत बड़ा सवाब (पुण्य) का काम है। कुरआन पाक में है कि सारी इनसानों को मैंने एक मॉंबाप यानी आदम व हव्वा से पैदा किया। और मुख्तलिफ इलाकों और तहजीबों में इसलिए पैदा किया ताकि तुम आपस में एक दूसरे को पहचान सको और तुम में वह सबसे बेहतर है जो खुदा का अज्ञाकार हो।
मौलाना फ़ारान साहब ने कहा कि यात्रा के दौरान विकलांगों, बुजुर्गों, बीमारों, महिलाओं और बच्चों के साथ नरमी और मुस्कराहट से पेश आना चाहिए। सवारी को अच्छे संबोधनों से पुकारें और उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाएँ, तो यह अमल आप के अंदर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नतों और इस्लाम की नुमाइंदगी करेगा। इससे आपकी दुनिया भी संवर सकती है और आख़िरत भी। इसके साथ ही मौलाना फ़ारान साहब ने कहा कि धार्मिक शिक्षा जो कि फर्ज है उसके इलावा आप आधुनिक शिक्षा पर भी उतना ही ध्यान दें ताकि आपका बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर, IAS और IPS बनकर आपका नाम रौशन करे और देश की उम्दा सेवा करे। इस आयोजन को कामयाब बनोने के लिए हज़रत मौलाना साबिर मुफ़्ताही,हाफ़िज़ शहज़ाद साहब, हाफ़िज़ दिलदार ख़ान, हाफ़िज़ नवाज़िश ख़ान, मुहम्मद सादिक बहटवी और मुल्ला एहतेशाम बहटवी ने सहयोग दिया।
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