विक्रमादित्य सिंह ने की शहरी विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा

हिमवंती मीडिया/शिमला 

लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शहरी विकास विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में प्रधान सचिव शहरी विकास देवेश कुमार सहित शहरी विकास विभाग के अधिकारी तथा हिमाचल प्रदेश के विभिन्न शहरी निकायों के आयुक्तों, कार्यकारी अधिकारियों एवं सचिवों ने भाग लिया। इस अवसर पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में 90ः10 के अनुपात में चलाई जा रहीं केन्द्रीय और प्रदेश सरकार वितपोषित सभी योजनाओं को समयबद्ध क्रियान्वित करना सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इन विकास योजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन से न केवल पात्र लोग लाभान्वित होंगे, बल्कि निर्धारित लक्ष्यों को भी समयबद्ध हासिल किया जा सकेगा। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि 5 फरवरी, 2025 को प्रदेशभर में स्वच्छ शहर, समृद्ध शहर अभियान को शुरू किया गया था। अढ़ाई माह तक चले इस अभियान का उद्देश्य जनभागीदारी सुनिश्चित बनाते हुए शहरी स्वच्छता व सतत् विकास को बढ़ावा देना रहा। इस अभियान के अंतर्गत नागरिक सेवा पोर्टल के तहत वार्ड स्तर पर समाधान शिविर लगाकर, नागरिकों को 9 आवश्यक सेवाएं प्रदान की गईं।

उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस अभियान के तहत प्रदेश में सुन्दरनगर, सोलन, धर्मशाला व जुब्बल, जोगिन्दरनगर तथा पालमपुर व सुजानपुर शहरी निकायों ने क्रमशः प्रदेशभर में पहले पांच स्थानों पर रहकर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है तथा बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरी निकायों को भविष्य में प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नागरिक सेवा पोर्टल के माध्यम से शुरू की गई नौ ऑनलाइन सेवाओं को 15 जून, 2025 से सभी प्रकार की प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से ही पूरी की जाएगी। इस सम्बंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे। देवेश कुमार ने निर्देश दिए कि अगले 15 दिनों में एस्टेट शाखा को मजबूत किया जाएगा तथा सम्पत्ति मुद्रीकरण व अंडर परफार्मिंग परसम्पत्तियों के लिए पदनाम बार जिम्मेवारी निर्धारित की जाएगी। साथ ही कहा कि बकाया सम्पत्ति कर के प्रोत्साहन के लिए समर्पित योजना विभाग द्वारा तैयार की जाएगी। उन्होंने शहरी विभाग निदेशालय को सम्पत्ति कर की बिलिंग और संग्रह सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के लिए कहा तथा वर्तमान प्रक्रिया में जहां जरूरी होगा, वहां रांची मॉडल पर विचार किया जाएगा। बैठक में ड्रोन आधारित जीआईएस मेपिंग और प्रापर्टी सर्वे में एजीआईएसएसी द्वारा की गई पगति की समीक्षा की तथा मामले की तत्कालिता को ध्यान में रखते हुए प्रगति में तेजी लाने के लिए एजीआईएसएसी के साथ बैठक की जाएगी।

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