कसौली में आयोजित नेशनल ट्रक एंड बस मीट में मुख्यमंत्री हुए शामिल

हिमवंती मीडिया/शिमला 

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन जिला के कसौली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गांधी ग्राम में अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ‘नेशनल ट्रक एंड बस मीट’ में बतौर मुख्यतिथि शिरकत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, देश के सबसे खूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां की नदियां, झरने, झीलें, बागान, बर्फीली चोटियां, पहाड़, संस्कृति और अतिथि-भाव वर्ष भर लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इतनी बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना यहां के वातावरण को भी प्रभावित करता है। इसीलिए वर्तमान राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण और सत्त विकास पर विशेष ध्यान देते हुए पर्यटन अधोसंरचना को मजबूत कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जो कार्ययोजना बनाई गई है उसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ और इसके लिए अधोसंरचना का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे प्रसन्नता है कि यह आयोजन न केवल हिमाचल प्रदेश के सत्त विकास से जुड़ा है, बल्कि यह पर्यावरण और हरित ऊर्जा भविष्य की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्य के पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार नई योजनाएं बना रही हैं।’’
श्री सुक्खू ने कहा कि ग्रीन हाउस गैसें, प्रदूषण का मुख्य कारण है और 16-20 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस परिवहन क्षेत्र से ही उत्सर्जित होती है। यह स्थिति हमारे वातावरण और हमारे राज्य की पर्यावरण की सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है। प्रदेश में बढ़ती पेट्रोल और डीजल वाहनों की संख्या, प्रदूषण का प्रमुख कारण बन रहा है। इससेे स्वच्छ पर्यावरण पर भारी दबाव पड़ता है, जो गंभीर चिंता का विषय है। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ई-वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम पर्यावरण संरक्षण, वायु प्रदूषण को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना शुरू की है। राज्य सरकार ई-टैक्सी खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है और ये ई-टैक्सियां सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डों व अन्य संस्थाओं में लगाई गई है। राज्य सरकार ने ई-टैक्सी योजना के तहत अब तक 50 ई-टैक्सियां सरकारी विभागों में अटैच की हैं और 10 मई से पहले 50 और ई-टैक्सी स्वीकृत की जाएंगीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्वयं ई-वाहन का इस्तेमाल करता हूं। इस वर्ष सरकार ने 3000 पेट्रोल और डीजल वाहनों को ई-व्हीकल से बदलने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से, सरकार निजी क्षेत्र को 1,000 बस मार्गों के लिए नए परमिट प्रदान करने जा रही है। इन मार्गों पर बसों या टेम्पो ट्रैवलर्स की खरीद के लिए सरकार ई-वाहनों पर 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देते हुए यह सुनिश्चित कर रही है कि आगामी वर्षों में सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र को पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक किया जाए। राज्य में ई-वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, पहले चरण में जिला हमीरपुर के सभी सरकारी कार्यालयों में ई-व्हीकल का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ग्रीन इंडस्ट्री को प्रोत्साहित कर रही है। पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है और यह हिमाचल प्रदेश में निवेश का सही समय है। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कर्नल (डॉ.) धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, विधायक विनोद सुल्तानपुरी व संजय अवस्थी, हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, जोगिंद्रा बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, एपीएमसी सोलन के अध्यक्ष रोशन ठाकुर, निदेशक उद्योग विभाग यूनुस, निदेशक पर्यटन विवेक भाटिया, अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. हरीश सभ्रवाल, सह-अध्यक्ष राकेश त्रेहन, सम्मेलन के अध्यक्ष भीम वाधवा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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