दुर्गम पांगी घाटी में पहली बार आयोजित किया गया राज्यस्तरीय हिमाचल दिवस समारोह

हिमवंती मीडिया/शिमला

हिमाचल के इतिहास में पहली बार राज्यस्तरीय हिमाचल दिवस समारोह का आयोजन चम्बा जिले की दुर्गम लेकिन मनोरम पांगी घाटी के किलाड़ क्षेत्र में किया गया। हैलीपेड मैदान में भारी संख्या में लोग 78वें हिमाचल दिवस समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेशवासियों को हिमाचल दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने हिमाचल को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस.परमार को याद किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। परेड में कुल 6 टुकड़ियां शामिल थीं, जिनका नेतृत्व आईपीएस अधिकारी रविनंदन ने किया। परेड में द्धितीय भारतीय रिजर्व बटालियन सकोह का नेतृत्व एएसआई सत्यानाथ वालिया, महिला पुलिस का नेतृत्व एएसआई पूजा सूद, हिमाचल होमगार्ड का नेतृत्व खुशी राम, जिला चम्बा ट्रैफिक पुलिस का नेतृत्व एएसआई रवीन्द्र कुमार, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला किलाड़ के एनसीसी का नेतृत्व तनिका और होमगार्ड्स बैंड का नेतृत्व हवलदार रेत राम ने किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने उदयपुर-किलाड़ सड़क के सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष गम्भीरता से उठाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने होम-स्टे पंजीकरण शुल्क पर 50 प्रतिशत छूट देने तथा घाटी में सम्पर्क मार्गों के सुधार कार्यों के लिए 1.5 करोड़ रुपये प्रदान करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का पांगी घाटी से विशेष लगाव रहा और 1984 में यहां आने वाली व देश की पहली प्रधानमंत्री थीं, जिसके बाद क्षेत्र के विकास को गति मिली। यह कांग्रेस सरकारों की जनजातीय क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नीतियों और कानून में विशेष परिवर्तन किए हैं, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

सरकार ने अपने 10 चुनावी वायदों में से 6 वायदों को पूरा कर लिया है तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार किसानों को दूध, गेहूं, मक्की और हल्दी जैसी फसलों की प्राकृतिक खेती पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रही है और 1.58 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रमाणित किया गया है। सुक्खू ने कहा कि इस साल कृषि ऋण ब्याज अनुदान योजना शुरू की जाएगी ताकि बैंकों के माध्यम से वन टाइम सेटलमेंट नीति लाकर उन किसानों को लाभ दिया जा सके जिनकी जमीनें नीलामी के कगार पर आ गई हैं। इस योजना से वे अपने 3 लाख रुपये तक के कृषि ऋण चुका सकेंगे। इस नीति के अंतर्गत मूलधन पर लगने वाले ब्याज का 50 प्रतिशत हिस्सा सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गाय और भैंस के दूध पर समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि की है। गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर तथा भैंस का दूध को 61 रुपये प्रति लीटर किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में सुधार करने के लिए शिक्षा विभाग को पुनर्गठित किया है। अब प्री-नर्सरी से बारहवीं तक की शिक्षा को डायरेक्टोरेट आफ स्कूल एजुकेशन देखेगा जबकि कॉलेजों सहित उच्च शिक्षा के सभी पहलुओं की देखरेख उच्च शिक्षा निदेशालय करेगा। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश पुलिस विभाग ने नशा माफिया के खिलाफ सख्त अभियान शुरू किया है। एंटी नारकोटिक्स टॉस्ट फोर्स को और अधिक मजबूत बनाया जाएगा और एक विशेष टॉस्क फोर्स का गठन भी किया गया जिसकी अगुवाई एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी करेंगे। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, विधायक सुंदर सिंह ठाकुर व नीरज नैयर, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, एपीएमसी चंबा के अध्यक्ष ललित ठाकुर, कांग्रेस नेता यशवंत खन्ना, सुरजीत भरमौरी सहित विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, सचिव सामान्य प्रशासन राजेश शर्मा, डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा, उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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