भाजपा ने विमल नेगी के मामले में मांगी सीबीआई जांच 

हिमवंती मीडिया/शिमला
भाजपा ज़िला शिमला द्वारा विमल नेगी की रहस्यमय मृत्यु को लेकर एक कैंडल मार्च का आयोजन शेर ए पंजाब से सीटीओ तक किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष केशव चौहान द्वारा की गई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने मार्च के बाद विमल नेगी के चित्र पर पुष्पांजलि भी अर्पित की, इस अवसर पर पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, प्रत्याशी रवि मेहता, संजय सूद, मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, संजीव कटवाल, कोषाध्यक्ष कमल सूद, सह मीडिया प्रभारी प्यार सिंह कंवर, रमा ठाकुर, सुदीप, बिलाल शाह, मंडल अध्यक्ष संजीव चौहान, राजीव पंडित, शिवानी, योग राज, भारत भूषण एवं राहुल ठाकुर उपस्थित रहे। इस अवसर पर सुरेश भारद्वाज ने कहा राज्य ऊर्जा निगम के महाप्रबंधक विमल नेगी की मौत मामले में निगम निदेशक देसराज और पूर्व प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा के बयान दर्ज होने में अड़चन है। देसराज फरार होने की आशंका है, जबकि हरिकेश मीणा अवकाश पर चले जाते है। इस संबंध में कुछ दिन पहले विमल की पत्नी और स्वजन के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। अभी तक की जांच के आधार पर इस प्रकरण में दबाव ही सामने आया है। विमल द्वारा छह माह के दौरान जिन फाइलों पर हस्ताक्षर किए गए उनको भी जांचा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से अगर जांच पूरी नहीं हो रही है तो उनको सीबीई को जांच सौंप देनी चाहिए जो कि भाजपा के सभी नेताओं की लंबित मांग है।
रवि मेहता ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर स्व. विमल नेगी की मौत के कारणों की जांच कर रही पुलिस को अभी कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। क्योंकि इस मामले में एफ.आई.आर पुलिस ने कॉरपोरेशन के निदेशक देशराज के अतिरिक्त और किसी को नामत नामजद नहीं किया है। जबकि नेगी की पत्नी ने अपनी शिकायत कॉरपोरेशन के दो और अधिकारियों पर नामतः आरोप लगाये हैं। देशराज उच्च न्यायालय द्वारा उनकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज किये जाने के बाद पुलिस के हाथ नहीं आये हैं। पुलिस उनकी तलाश में सभी संभव ठिकानों पर दबिस दे रही है। कुछ हलकों में यह चर्चा है कि देशराज सर्वोच्च न्यायालय में भी अग्रिम जमानत के लिये प्रयास करेंगे और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक पुलिस के हाथ नहीं आयेंगे। इस पूरी वारदात में साफ दिख रहा हैं प्रदेश सरकार जांच में गंभीर नहीं है, इसलिए जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए। संजय सूद ने कहा कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने देशराज की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुये जो कहा है कि उससे यह स्पष्ट हो जाता है की जमानत खारिज होने के बाद देशराज तक पुलिस का न पहुंच पाना और कई सवालों को जन्म दे जाता है।

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