एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया ने हिमाचल के राज्यपाल से की बॉर्डरों पर पैरा मिलिट्री फोर्स लगाने की माँग

हिमवंती मीडिया/शिमला
एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया (एटीएफआई) ने हिमाचल प्रदेश में बढ़ती खालिस्तानी गतिविधियों और देशविरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में हिमाचल प्रदेश में खालिस्तानी झंडे और भिंडरावाला के पोस्टर लगाए जाने की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की गई और इस पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की गई। ज्ञापन सौंपते हुए एटीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य के दिशा निर्देशों पर हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में खालिस्तानी तत्वों की बढ़ती सक्रियता भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा है। हाल ही में हिमाचल के विभिन्न इलाकों में खालिस्तानी झंडे और भिंडरावाला के पोस्टर लगाए गए, जो यह दर्शाता है कि देशविरोधी ताकतें अब हिमाचल को भी अपने एजेंडे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही हैं। एटीएफआई के अनुसार, भिंडरावाला एक आतंकवादी था, जिसे भारतीय सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार में मार गिराया था। उसके समर्थन में झंडे और पोस्टर लगाना देशद्रोह के समान है। संगठन ने मांग की है कि हिमाचल प्रदेश सरकार इस पर तुरंत एक प्रस्ताव पारित करे, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि यदि कोई भी व्यक्ति खालिस्तानी झंडा या भिंडरावाला के समर्थन में प्रचार करता है, तो उसके खिलाफ देशद्रोह के तहत मामला दर्ज किया जाए। राजकुमार अग्रवाल ने कहा, “हम हिमाचल प्रदेश की शांति को खालिस्तानी तत्वों के हाथों में नहीं जाने देंगे। यदि सरकार समय रहते इन पर नकेल नहीं कसती, तो ये तत्व यहां की स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे और पुलिस को सख्त निर्देश दे कि इस तरह की हरकतों को कतई बर्दाश्त न किया जाए। एटीएफआई ने ज्ञापन में इस बात पर भी नाराजगी जताई कि खालिस्तानी झंडे हटाने वाले अमन सूद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि असल अपराधी वे लोग हैं, जिन्होंने झंडे और पोस्टर लगाए।
संगठन ने स्पष्ट किया कि अमन सूद देशभक्त हैं और उन्होंने हिमाचल की संप्रभुता की रक्षा के लिए यह कदम उठाया था। उन्होंने मांग की कि इस FIR को तुरंत रद्द किया जाए और इसके बजाय असली दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। ज्ञापन में एटीएफआई ने यह भी मांग की कि हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाई जाए और केंद्र सरकार से समन्वय कर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की जाए। संगठन ने कहा कि खालिस्तानी तत्व अक्सर सीमा पार से समर्थन प्राप्त करते हैं और अगर समय रहते सुरक्षा उपाय नहीं किए गए, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है। एटीएफआई ने हिमाचल प्रदेश में बढ़ते नशे के कारोबार पर भी चिंता जताई और सरकार से मांग की कि एक “एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स” का गठन किया जाए, जिसमें केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हों। इससे राज्य में नशे के कारोबार को जड़ से खत्म किया जा सकेगा और युवा पीढ़ी को नशे की चपेट में जाने से बचाया जा सकेगा। ज्ञापन में एटीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कुल्लू निवासी अमन सूद व फ्रंट के हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल को सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग की, क्योंकि उन्होंने खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ आवाज उठाई है और उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। संगठन ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह ऐसे देशभक्तों को सुरक्षा प्रदान करे, ताकि वे बिना किसी भय के देश के हित में काम कर सकें। एटीएफआई ने सरकार को स्पष्ट किया कि यदि हिमाचल प्रदेश सरकार इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं करती, तो वे केंद्रीय गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग करेंगे। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो वे एक बड़ा जनआंदोलन खड़ा करेंगे और देशभर में इसके खिलाफ अभियान चलाएंगे। ज्ञापन सौंपने के दौरान एटीएफआई के फ्रंट के हिमाचल के उपप्रधान संदीप सूद, सचिव तरुण राणा, जॉइंट सचिव अरुण कुमार, कोषाध्यक्ष टीसी वर्मा मौजूद रहे पदाधिकारी मौजूद रहे और उन्होंने सरकार से अपील की कि राष्ट्रविरोधी ताकतों को किसी भी सूरत में हिमाचल की शांति भंग नहीं करने दिया जाए। संगठन ने कहा कि वह देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करता रहेगा और राष्ट्रविरोधी ताकतों को करारा जवाब देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

GIPHY App Key not set. Please check settings

Back to Top

Ad Blocker Detected!

Refresh

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.

Close