हिमवंती मीडिया/शिमला

भारतीय जनता पार्टी के नेता और सुंदर नगर से विधायक राकेश जमवाल ने मंदिरों से पैसा वसूलने के मामले में मुख्यमंत्री के बयान को हास्यास्पद बताते हुए कहा है कि सुख की सरकार अब झूठ की सरकार हो गई है। एक मुख्यमंत्री इस तरह का सफेद झूठ कैसे बोल सकता है। जिस फैसले की पूरे देश में जग हंसाई हो रही है। उनके सचिव द्वारा समस्त जिलाधीशों को भेजा गया पत्र वायरल हो रहा है। ऐसे में एक मुख्यमंत्री यह कैसे कह सकता है कि विपक्ष झूठा आरोप लगा रहा है। बजटेड स्कीम के लिए मंदिरों से जबरदस्ती पैसा लेने वाले और कागजों को झुठलाने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू देश के इकलौते मुख्यमंत्री हैं। भाजपा नेता ने कहा कि लगता है हिमाचल प्रदेश में सरकार मुख्यमंत्री के अलावा कोई और चला रहा है। इसीलिए उन्हीं के सेक्रेटरी द्वारा प्रदेश भर के उपायुक्त को भेजे गए पत्र की उन्हें जानकारी नहीं है और सरकारी डॉक्यूमेंट को मुख्यमंत्री सीधे-सीधे नकार रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यह पत्र अब तक गोपनीय हो, देश भर के मीडिया चैनल के द्वारा यह पत्र दिखाया भी जा चुका है।
मुख्यमंत्री जिस तरह से मीडिया के सवालों पर झूठ बोलकर नज़रें चुराकर भाग रहे हैं उससे साफ है कि सब कुछ उनके आदेशों पर ही हो रहा है। भले ही इस फैसले के पीछे सनातन विरोधी कांग्रेस आलाकमान का निर्देश हो। सत्ता में आने के बाद से ही मुख्यमंत्री ने अपने सनातन विरोधी होने के कई सारे प्रमाण दे चुके हैं। देश भर में घूम-घूम कर वह कह चुके हैं कि हमने 97 पर्सेंट हिंदू विचारधारा को हराकर सत्ता हासिल की है। वह भूल जाते हैं की हिमाचल प्रदेश के लोगों ने सत्ता उन्हें उनकी 10 गारंटियों की वजह से सौंपी थी। जो आने वाले समय में भारत की राजनीति में सबसे बड़ी ठगी के रूप में जानी जाएगी। समय में कांग्रेस के नेता प्रदेश के लोगों को मुंह नहीं दिखा पाएंगे। इतना ही नहीं 10 गारंटीयों की वजह से हिमाचल से कांग्रेस का सफाया ऐसा होगा कि वह दूर-दूर तक नजर नहीं आएगी।
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