राज्यपाल ने ‘एसईएल’ को भारतीय विविधता को एकीकृत करने की बताई पहल

हिमवंती मीडिया/शिमला

शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में हिमाचल प्रदेश में अंतर-राज्यीय जीवन में छात्रों के अनुभव (एसईआईएल)-2025 के तहत नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और पूर्वोत्तर राज्यों के युवाओं और एसईआईएल प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि भारत एक ‘विचार’ है जिसे पोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने ज्ञान, चरित्र और एकता के मूल्यों को बनाए रखने के लिए छात्र संगठन की सराहना की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एसईआईएल पहल विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों के बीच राष्ट्रीय एकीकरण और आपसी समझ को बढ़ावा देती है, जो राष्ट्र निर्माण में योगदान देती है। यह कार्यक्रम न केवल भारत की विविधता को एकीकृत करने का एक प्रयास है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है।

उन्होंने कहा कि 1966 में अपनी स्थापना के बाद से यह पहल पिछले छह दशकों से पूरे देश में एकता की भावना को बढ़ावा दे रही है। इस वर्ष राष्ट्रीय एकता यात्रा 2025 को 20 जनवरी से गुवाहाटी से शुरू किया गया, जिसके अंतर्गत 256 छात्र आठ समूह पूरे भारत की यात्रा करेंगे। प्रत्येक समूह का नाम पूर्वोत्तर भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखा गया है, जो प्रतिभागियों को उनके बलिदान और समर्पण की याद दिलाता है। चौथे समूह में 32 छात्र शामिल थे जो 2 से 6 फरवरी, 2025 तक शिमला में रहे तथा स्थानीय संस्कृति, भाषा और परंपराओं के बारे में जानकारी हासिल की। स्थानीय परिवारों के साथ रहकर उन्होंने हिमाचल प्रदेश में दैनिक जीवन का अनुभव किया और स्थानीय समुदायों के साथ भी बातचीत की, जिससे उनका ज्ञान बढ़ा और जिम्मेदार नागरिकता की भावना को बढ़ावा मिला। इससे पहले, एसईएल के प्रतिनिधियों ने यात्रा से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।

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