मुख्यमंत्री के कहने पर झूठ न बोले मंत्री, जनहित को दें प्राथमिकता:- नेता प्रतिपक्ष

हिमवंती मीडिया/शिमला

शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुख की सरकार के व्यवस्था परिवर्तन का भांडा पूरी तरह फूट चुका है। आए दिन सरकार के व्यवस्था पतन के नमूने सामने आते हैं। जो मुख्यमंत्री और सरकार की नहीं हिमाचल प्रदेश की भी किरकिरी करवा रहे हैं और आम लोगों को उसकी वजह से तकलीफ उठानी पड़ रही है। विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री से आग्रह कर रहा है कि वह ट्रेजरी खोलें और लोगों के लंबित पड़े बिलों की अदायगी करें। आम जनता से लेकर ठेकेदार सब परेशान है और सबका यही कहना है कि उनके भुगतान लंबित पड़े हैं जिसकी वजह से उन्हें तमाम कठिनाइयां उठानी पड़ रही हैं। ठेकेदारों द्वारा उनके हजारों करोड़ रुपए के बकाया होने की बात की जा रही है और भुगतान न होने की स्थिति में वे काम रोक देने की मजबूरी भी बता रहे हैं। भुगतान न होने की वजह से हजारों की संख्या में लोग सीधे परेशान हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में ठेकेदार न तो अपने वर्करों का भुगतान कर सकते हैं और नहीं अपने वेंडर का। विपक्ष द्वारा सही बात कहने पर भी मुख्यमंत्री समेत उनका पूरा अमला मीडिया में झूठ बोलने के लिए कूद कर आ जाता है। तमाम तरह के झूठे आंकड़े रखता है और विपक्ष को झूठा साबित करने में ही सारी ऊर्जा करता है।
जयराम ठाकुर ने कहा की विपक्ष को झूठा साबित करने से सच नहीं बदलने वाला है। आज समाचारों में बहुत मोटे अक्षरों में छपा है कि कुल्लू जिला के बंजार विधानसभा क्षेत्र में ठेकेदार को सरकार द्वारा 6 महीने से ज्यादा समय तक पेमेंट नहीं की गई। जब ठेकेदार के पास और कोई विकल्प नहीं बचा तो उसने बीडीओ के ऑफिस से अपना सारा फर्नीचर और सामान उठवा कर वापस ले गया। यह व्यवस्था परिवर्तन के मुंह पर एक तमाचा है। मुख्यमंत्री ने व्यवस्था को इतना गर्त  में गिरा दिया है कि लोगों का सरकार से भरोसा ही उठ गया है।

इसी तरीके से एक और खबर आज हिमाचल की सुर्खियों में है की शिमला के विंटर कार्निवाल में स्थानीय कलाकारों से काम लिया गया, अब विंटर कार्निवल को खत्म हुए भी एक महीना हो गया है लेकिन सरकार उन कलाकारों का मेहनताना भी नहीं दे रही है। किसी कलाकार का मेहनताना ही उसके परिवार के भरण पोषण का आधार होता है। एक संजीदा सरकार से कलाकारों की प्रतिभा का सम्मान करते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने की भी उम्मीद की जाती है लेकिन यहां सरकार अपने कलाकारों को मेहनताना भी नहीं दे रही है। कलाकार थक हार कर, नाउम्मीद होकर ही मीडिया के पास गए होंगे। इस मामले में भी सबसे हास्यास्पद बात यही है कि जिम्मेदार कह रहे हैं कि सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है बस उनका भुगतान ट्रेजरी से होना है। सच बात है कि ट्रेजरी बंद है, लेकिन सरकार को यह स्वीकार नहीं करनी है। हालत यह है कि कलाकार अपने मेहनताने को भटक रहा है, ठेकेदार अपने मजदूरों को मजदूरी देने के लिए और कर्मचारी अपने इलाज के बिल के लिए, अस्पताल में मरीज तो पहले से ही भगवान भरोसे हैं ही। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू समझ लें कि सरकार प्रबंधन से चलती है प्रवचन से नहीं। जब मन में आया मीडिया में जाकर कुछ भी झूठ बोल दिया, कोई भी आरोप लगा दिया, विपक्ष को कोस दिया। यह सब करने से सच्चाई नहीं छुप सकती है। सरकार के मंत्रियों से भी आग्रह किया है कि उन्होंने जनहित के लिए काम करने के लिए संविधान की शपथ ली है। उस पद की गरिमा का सम्मान करते हुए सिर्फ मुख्यमंत्री के कहने पर झूठ न बोलें। मंत्री प्रदेश की जनता के लिए जिम्मेदार है प्रदेश की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए वह मुख्यमंत्री की बजाय अपने अंतरात्मा की आवाज सुने और प्रदेश के लोगों और मीडिया के सामने सरकार की सही स्थिति रखें। सच आज नहीं तो कल सबके सामने आ जाएगा तो झूठ बोलने वाले मंत्री प्रदेश के लोगों का सामना कैसे करेंगे?

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