नशामुक्ति एवं पुनर्वास के लिए गठित होगा राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्डः- मुख्यमंत्री

हिमवंती मीडिया/शिमला

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मातृ-शिशु एवं युवा बाल पोषण और नशामुक्ति पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए राज्य में नशामुक्ति एवं पुनर्वास के लिए राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड के गठन की घोषणा की। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित इस सलाहकार बोर्ड का उद्देश्य मादक पदार्थों के दुरुपयोग से सम्बंधित विभिन्न विभागों की गतिविधियों को सुव्यवस्थित करना है ताकि इस बुराई के प्रति एकीकृत दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में मानसिक स्वास्थ्य उत्कृष्टता केंद्र को नशामुक्ति एवं पुनर्वास के लिए राज्य स्तरीय नोडल संस्थान घोषित किया। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं जिला अस्पतालों में ओपियोइड प्रतिस्थापन थैरेपी केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से राज्य में स्कूल स्वास्थ्य मिशन का क्रियान्वयन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किशोरियों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं तथा छह वर्ष तक की आयु के बच्चों की पोषण संबंधी समस्याओं के समाधान के साथ-साथ मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम, नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए कार्य योजना तैयार करेगी। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को गर्भवती महिलाओं और एक वर्ष की आयु तक के नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए एक प्रणाली तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं के शुरुआती एक हजार दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए उनका स्वास्थ्य राज्य सरकार की प्राथमिकता है ताकि उनका उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने कहा कि सरकार पात्र गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रदान की जाने वाली खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पूरक पोषण की खरीद को निचले स्तर पर शक्तियां प्रदान करने पर भी विचार कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने नशे के दुष्परिणामों के बारे में विद्यालयों के स्तर पर जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में नशा माफिया पर नकेल कसने की पहल की है और कई नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का भी प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि नवजात शिशु का स्वास्थ्य सीधे तौर पर माँ के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए मां के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने में जागरूकता शिविर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसके लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने लोगों से नशामुक्त समाज और इस सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ने के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने प्रसव के बाद तुरंत स्तनपान और पहले छः माह के लिए स्तनपान की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी। स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी ने कार्यशाला में मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता के लिए आभार व्यक्त किया। एमडी (पीडियाट्रिक्स) राष्ट्रीय निदेशक कॉर्ड पद्मश्री पुरस्कार विजेता क्षमा मीटर, बीएमजीएफ के राष्ट्रीय निदेशक हरि मेनन, पीएचएनडीसी की निदेशक डॉ. शीला सी. वीर, पीएचएनडीसी की तकनीकी सलाहकार डॉ. वंदना सभरवाल, एमडी डॉ. रूपल दलाल, ईसोमसा की निदेशक किरण भड़ाना तथा एम्स दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञों ने भी एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान शिशु स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श किया।

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