हिमवंती मीडिया/शिमला 

भाजपा समर्थित पंचायत प्रधानों के साथ बीते अढाई वर्षों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। यह आरोप जिला शिमला भाजपा के पूर्व अध्यक्ष प्रेम ठाकुर ने बुधवार को जारी बयान में प्रदेश सरकार और ग्रामीण विकास विभाग पर लगाया है । इन्होने बताया कि जिन पंचायतों में भाजपा समर्थित प्रधान हैं उन पंचायतों को सरकार से मिलने वाली धनराशि को सीधे तौर पर डीआरडीए को भेजा जा रहा है जिससे पंचायतीराज अधिनियम के तहत प्रधानों को विकास हेतू दी गई शक्तियों का हनन हो रहा है। प्रेम ठाकुर ने हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि पंचायतों में आपदा राहत, विधायक निधि, सांसद निधि सहित विकास के लिए अन्य शीर्ष से मिलने वाली राशि विभाग द्वारा डीआर.डीआर को भेजी जा रही है और डीआरडीए द्वारा सरकार के इशारे पर काम के टैंडर अपने चहेतों को दिए जा रहें है जिस बारे ऐसी पंचायतों को कोई जाानकारी नहीं होती। सबसे अहम बात यह है कि जो कार्य अपने स्तर पर डीआरडीए द्वारा करवाए जा रहे हैं उसकी रिर्पोट पंचायतों से मांगी जाती है जोकि तर्कसंगत नहीं है। गौर रहे कि डीआरडीए के पास उपयुक्त स्टाफ नहीं है जोकि पूरे जिला में विकास कार्यों की निगरानी कर सके। प्रेम ठाकुर ने बताया कि विकास के लिए धनराशि न होने से प्रधान अपनी पंचायतों में पंगू बन कर रह गए हैं । इनका आरोप है कि डीआरडीए के अधिकारी ग्रामीण विकास मंत्री के इशारे पर चहेते ठेकेदारों को कार्य आबंटित करते हैं । बताया कि इस क्षेत्र से सरकार में ग्रामीण विकास एंव पंचायतीराज मंत्री होने के बावजूद भी कुसुंपटी निर्वाचन क्षेत्र में सभी विकास कार्य ठप्प पड़े हैं और अढाई साल में कसुपंटी निर्वाचन क्षेत्र में एक ईंट भी नहीं लगी । पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए विकास कार्यो का श्रेय मंत्री अनिरूद्ध सिंह ले रहे हैं। स्कूलों और स्वास्थ्य संस्थानों में स्टाफ का अभाव होने से लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण विकास कार्यालय शिमला से जब इस बारे बात की गई तो उन्होने बताया कि संबधित क्षेत्र के सांसद अथवा विधायक अपनी निधि को किसी भी एजेंसी को विकास कार्य के लिए दे सकते हैं जोकि उनका विशेषाधिकार है। इसके अतिरिक्त पंचायतों को मिलने वाली धनराशि चरणबद्ध तरीके से जारी की जाती है।