हिमवंती मीडिया/पांवटा साहिब
पांवटा साहिब के लक्ष्य आलूवालिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। 27 से 28 जून तक थाईलैंड में ओपन कैटेगरी में वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें हिमाचल प्रदेश के एकमात्र खिलाड़ी लक्ष्य ने भी भाग लिया। बता दें कि लक्ष्य की उम्र महज 21 साल हैं और उनका वजन 116 किलो है। थाईलैंड में आयोजित वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में लक्ष्य ने गोल्ड मेडल हासिल किया है। पिछले लगभग 4 सालों से लक्ष्य आरवी फिटनेस जिम में प्रैक्टिस कर रहे हैं। ओर अब तक राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 17 गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके हैं। इस बारे में लक्ष्य ने बताया कि वह हर दिन लगभग 3 से 4 घंटे जिम में अपना पसीना बहाते हैं। उन्होंने कहा कि अपने शरीर को मेंटेन करने के लिए कंसिस्टेंसी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। हर दिन वर्क आउट करना चाहिए। इसके साथ ही अच्छी डाइट लेना भी जरूरी है। लक्ष्य ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए बेहद गौरव का पल रहा। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के लिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण पूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का प्रतिनिधित्व करने के बाद सरकार खिलाड़ियों को प्रोत्साहित नहीं करती है। न ही किसी तरह की कोई मदद मिल रही है। लेकिन फिर भी उनका ये लक्ष्य है कि ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करें।
वहीं, इस बारे में फिटनेस ट्रेनर रोहित वत्स ने बताया कि उन्हें बेहद प्रसन्नता है कि उनके एक खिलाड़ी का चयन अंतर्राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता के लिए हुआ। ओर उन्होंने उसमें स्वर्ण पदक जीता है। रोहित वत्स ने बताया कि उनकी जिम में हाइटेक मशीनरी है। ओर स्वयं भी उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर वेटलिफ्टिंग में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने मिस्टर हिमाचल, मिस्टर चंडीगढ़, मिस्टर हरियाणा, मिस्टर नॉर्थ इंडिया सहित कई कंपटीशन अपने नाम किए है। उन्होंने कहा कि सरकार कुछ खेलों को ज्यादा तवज्जो देती है लेकिन कुछ खेलों की तरफ ध्यान नहीं देती है। वेट लिफ्टिंग में कई खिलाड़ी हिमाचल व भारत का नाम रोशन कर रहे हैं मगर सरकार की ओर से किसी भी तरह का कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है जिससे खिलाड़ियों का मनोबल टूट रहा है। उन्होंने सरकार से आह्वान किया कि सभी खेलो को महत्व दें और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करें।