हिमवंती मीडिया/शिमला

मशोबरा ब्लाॅक की पीरन पंचायत और ठियोग तहसील की सीमा पर बहने वाली नलटड़ी खडड पर कांवती में निर्मित किए जा रहे पुल का कार्य बीते करीब डेढ वर्ष से सरकार से पैसे न मिलने के कारण अधर में लटका है इस खडड में केवल पिल्लर खड़े किए गए है। जिसके चलते बटोला व अन्य साथ लगते गांव के बाशिंदों को बरसात में नलटड़ी को पार करने की चिंता सताने लगी है। बता दें कि बरसात में जब नलटड़ी खडड पूरे उफान पर होती है उस समय इन गांव के लोग जान जोखिम में डाल कर इसे पार करते हैं।बता दें कि पीरन पंचायत के गांव बटोला, नालटा, मीमू, नट इत्यादि गांव के लोग बीते कई दशकों से बरसात में जान जोखिम में डालकर उफनती खडड को पार करते आ रहें है। विशेषकर बटोला गांव के लोगों के घराट, घासनी और चारागाह इत्यादि खडड के दूसरी ओर स्थित है। इसके अलावा पीरन पंचायत के लोगों की ठियोग तहसील और सीमा पर लगते सिरमौर जिला के अनेक गांव में रिश्तेदारियां है जहां लोगों का अक्सर आना जाना लगा रहता है।

बटोला निवासी जगदीश, ख्याली राम, प्रेम सिंह, सुरेश कुमार, कृपा राम, जय सिंह, राजेन्द्र , चमनलाल, सुनीला देवी, शीतल देवी, सरिष्टा देवी, मनता देवी, दोषी देवी, गीता देवी, मीना देवी, मैना देवी, गायत्री देवी सहित अनेक ग्रामवासियों ने सरकार से इस अधूरे पुल को पूरा करने के लिए धनराशि जारी करने की मांग की है। इसके अलावा बटोला से नलटड़ी खडड तक की सड़क की हालत भी दयनीय बन चुकी है जिसके मुरम्मत करने की भी मांग की गई है। इस पुल के ठेकेदार अतर सिंह ठाकुर ने बताया कि इस पुल का डीआरडीए द्वारा 13 लाख रूपये का एस्टीमेंट बनाया गया है। जिसमें से पांच लाख की पहली किश्त मिली थी जिससे पिल्लर खड़े कर दिए गए है दूसरी किश्त मिल जाने पर कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। डीआरडीए के जेई संजय भारद्वाज ने बताया कि इस बारे उनके पास इस पुल बारे पूरा डाटा उपलब्ध नहीें है।