हिमवंती मीडिया/शिमला
भारी वर्षा और भूस्खलन से जुन्गा तहसील की ग्राम पंचायत पीरन में भी तबाही का मंजर देखने को मिला है। इस पंचायत में अनेक रिहायशी मकान और गौशालाएं खतरे की जद में आ गई और किसानों के खेतों में मलवे आने से काफी नुकसान पहूंचा है परंतु किसी प्रकार का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। पीरन पंचायत की प्रधान किरण शर्मा ने बताया कि चलोग पंजाल के निवासी शीला दत्त पुत्र जीतराम के घर के आगे भूस्खलन होने से मकान को खतरा बना हुआ है। इसी प्रकार नालटा के लायक राम ओर प्रकाश चंद पुत्र कर्म सिंह गांव खालटु की गौशाला क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे उन्हेे अपने मवेशियों को बाहर खुले में तिरपाल के नीचे रखने को मजबूर होना पड़ा है। इसी प्रकार धाली बागड़ा में पूनम देवी पुत्री रामस्वरूप, इंद्र सिंह पुत्र जिंकु राम, अनोखी राम पुत्र बालकिया की गौशालाओं को खतरा बना हुआ जोकि कभी ढह सकती है। पीरन में किशोरी लाल के घर के पीछे भूस्खलन होने से इनकी रसोई को नुकसान पहूंचा है।
किरण शर्मा ने बताया कि गांव बटोला में ख्याली राम, संदेश ,गोपी देवी बटोला, लायक राम गांव मधार, रामानंद गांव धाली बागड़ा और मस्तराम के मकान खतरे की जद में आ गए है और यह परिवार रात भर डर के साए में रह रहे है। प्रधान ने बताया कि चमन गांव बटोला और नित्यानंद की गौशाला और मकान को भी भारी वर्षा खतरा बना हुआ है। इसके अतिरिक्त बागड़ा के मदन लाल के मकान के आगे आंगन के धंस जाने से मकान को खतरा बना हुआ है। बागड़ा की शुनु देवी के मकान की छत से बारिश का पानी आने से इनका मकान असुरक्षित हो गया है। धाली बागड़ के नेक राम की भूस्खलन से खेतों व फसल को भारी नुकसान पहूंचा है। उन्होने बताया कि खीलसेर के प्रकाश चंद की गौशाला क्षतिग्रस्त हो गई है। प्रधान ने बताया कि पीरन पंचायत के सभी संपर्क मार्ग भारी बारिश और भूस्खलन से बंद हो गए है जिससे लोगों को आने जाने की असुविधा हो रही है। उन्होने बताया कि यदि व्यक्ति बीमार हो जाता है तो संपर्क सड़के बंद होने से अस्पताल पहंूचाना मुश्किल हो जाएगा। उन्होने सरकार से मांग की है कि वर्ष 2023 की तर्ज पर मनरेगा के तहत प्रभावित परिवारों के लिए डंगे व अन्य विकास कार्य आरंभ किए जाएं ताकि प्रभावित परिवार को राहत मिल सके।
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