हिमवंती मीडिया/धर्मशाला
अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कांगड़ा स्थित धर्मशाला राजीव बाली, द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, में आज पांच दिन चलने वाले 40 घंटे के मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया जिसमें शीतल शर्मा, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, धर्मशाला नीतिन मितल, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) धर्मशाला, हकीकत ढांडा, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, धर्मशाला एवं शिखा लखनपाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कांगड़ा स्थित धर्मशाला मौजूद रहे। कार्यक्रम में जिला कांगड़ा एवं जिला चंबा के लगभग बीस वकीलों को दिल्ली से आये हुए प्रशिक्षकों रीमा भंडारी व दीपिका जैन द्वारा 5 दिन तक मध्यथता पशिक्षण दिया जाएगा जिसके उपरांत ये वकील मध्यस्थता सम्बन्धी मामलों का बेहतर प्रबन्धन एवं निष्पादन करवाने मे सक्षम होंगें।
इस अवसर पर राजीव बाली ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यस्थता एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक तटस्थ तृतीय पक्ष अर्थात मध्यस्थ किसी विवाद में फंसे लोगों को उनके मतभेदों को सुलझाने में मदद करता है। मूल रूप से मध्यस्थता प्रक्रिया में पांच चरण शामिल होते हैं, पहला मध्यस्थता करनी है या नहीं इसका निर्णय लेना, दूसरा, मध्यस्थता की तैयारी करना, तीसरा, पक्षों द्वारा जानकारी साझा करना, चैथा, समाधान के लिए बातचीत करना और अंत में, मध्यस्थता प्रक्रिया का समापन। मध्यस्थता को प्रभावी बनाने के लिए, एक अच्छे मध्यस्थ में निष्पक्षता और तटस्थता, अच्छे संचार कौशल, धैर्य, विश्लेषणात्मक और समस्या समाधान कौशल, सहानुभूति, दृढ़ता, पक्षों का सम्मान अर्जित करने के लिए सम्मानजनक व्यवहार और सबसे महत्वपूर्ण गोपनीयता जैसे गुण होने चाहिएं।
इस मौके पर चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल धर्मशाला गौरव पठानिया व अन्य लीगल एड डिफेंस काउंसिल ने भी शिरकत की।
इस मौके पर चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल धर्मशाला गौरव पठानिया व अन्य लीगल एड डिफेंस काउंसिल ने भी शिरकत की।
GIPHY App Key not set. Please check settings