हिमवंती मीडिया/शिमला
स्टाफ की कमी और अव्यवस्थाओं के चलते मशोबरा ब्लॉक का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटी बदहाली के आंसू बहा रहा है परंतु विभाग द्वारा इसकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। कोटी पंयायत के प्रधान रमेश शर्मा, उप प्रधान राजा राम, पंचायत समिति सदस्य अरविंद शर्मा, डॉ0 विश्वबंधु जोशी , नवीन, पवन शर्मा सहित स्थानीय लोगों ने संयुक्त बयान में कहा कि बीते वर्ष सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खु ने कोटी प्रवास के दौरान सीएचसी कोटी में इनडोर रोगियों के लिए दस बिस्तरों की व्यवस्था करने तथा अस्पताल में नेशनल एंबुलेेंस सेवा उपलब्ध करवाने की घोषणा की थी जोकि आजतक पूरी नहीं हुई। इनका कहना है कि यह अस्पताल क्षेत्र की सात पंचायतों का केंद्र है परंतु सरकार के गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
प्रधान रमेश शर्मा ने बताया कि सीएचसी कोटी में मेडिसन का एक मात्र डॉक्टर सेवारत है। जबकि एक पद खाली पड़ा है। चिकित्सक के अवकाश पर जाने के दौरान रोगियों को छुटपुट उपचार के लिए जुन्गा अथवा चायल जाना पड़ता है। दंत चिकित्सक का पद भरा हुआ है परंतु अस्पताल में न ही दांतों के उपचार के लिए कुर्सी और उपकरण भी उपलब्ध नहीं है। सीएचसी में स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट सहित अनेक पद रिक्त चल रहे हैं। एक्स- रे की सुविधा न होने से रोगियों को परेशानी पेश आ रही है। उन्होने कहा कि वर्ष 2017 में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने इस अस्पताल का दर्जा बढ़ाकर पीएचसी से सीएचसी किया गया था। इनका कहना है कि विभाग ने सीएचसी का बोर्ड तो टांग दिया गया परंतु सुविधाएं के नाम पर आजतक कोई व्यवस्था नहीं की गई। रमेश शर्मा ने बताया कि कसुंपटी निर्वाचन मशोबरा को छोड़कर किसी भी स्वास्थ्य संस्थान में 108 नेशनल एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं है। जबकि मशोबरा दूसरे छोर पर स्थित है। चिकित्सा प्रभारी सीएचसी कोटी डॉ0 निकिता सोहम ने बताया कि स्टाफ की कमी बारे विभाग के उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया गया है।
GIPHY App Key not set. Please check settings