हिमवंती मीडिया/पांवटा साहिब
पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी ने विधानसभा में कहा कि क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा के बाद राहत कार्य “शून्य” हैं। उन्होंने बताया कि 1 सितंबर को फूलपुर पंचायत के बागरण गांव में आई भीषण आपदा ने 25 परिवारों को बेघर कर दिया था। प्रशासन ने तब परिवारों को शिफ्ट कर किराया देने का वादा किया था, परन्तु तीन महीने के बाद भी उन्हें एक रुपया नहीं मिला। सुखराम चौधरी ने बताया कि उन्होंने स्वयं 40 परिवारों को तत्काल राशन दिया, 15 दिन बाद दोबारा राशन पहुँचाया और पशुओं को बचाने के लिए टीन शेड भेजे, परन्तु बरसात में 20‑25 पशु सड़कों पर बेसहारा घूमते रहे और सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
उन्होंने कहा कि बागरण गांव के लगभग 1.5 किमी क्षेत्र में कई घर “हवा में लटके” हैं और अगली बरसात में पूरी बस्ती नक्शे से मिट सकती है। विधायक ने अपने पहले पूछे गए प्रश्न (3535) का हवाला देते हुए कहा कि 16 सिंचाई योजनाएँ क्षतिग्रस्त, 78 पेयजल परियोजनाएँ ठप हैं और 1978 में जल शक्ति विभाग की बड़ी योजना भी फिर से बर्बाद हो गई, जिससे लगभग 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। चौधरी ने सरकार को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा,कि राहत और मुआवज़े में देरी तुरंत बंद हो। अगर नहीं, तो सदन में और भी कड़ा जवाब सुनने के लिए तैयार रहें। उन्होंने बताया कि पांवटा साहिब की जनता की आवाज़ कभी दबने नहीं दी जाएगी।
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