भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

हिमवंती मीडिया/शिमला
भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार कर्मचारी विरोधी है। ओपीएस का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार लगातार कर्मचारी विरोधी निर्णय लेकर प्रदेश को पीछे की ओर धकेलने का काम कर रही है। कांग्रेस सरकार में ना पेंशन, ना डी ए, ना वेतन वृद्धि और ना किसी प्रकार का लाभ कर्मचारियों को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 6 सितंबर 2022 को एक नोटिफिकेशन जारी करके रेगुलर होने के बाद हायर ग्रेड-पे को लगी दो साल के राइडर की शर्त हटा दी थी। इससे कर्मचारियों के वेतन में 10 से 20 हजार रुपए की बढ़ौतरी हुई थी। मगर कांग्रेस सरकार की दो दिन पहले की नोटिफिकेशन से इतना ही वेतन कम होगा। इससे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। यह साफ दिखता है कि भाजपा कर्मचारियों के हक में काम करती है और वर्तमान कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के विरोध में काम करती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का यह फैसला कर्मचारी विरोधी है। इससे जिन कर्मचारियों को अभी 40 हजार सैलरी मिल रही है, उनका वेतन आधा रह जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि हायर ग्रेड-पे कम करने की नोटिफिकेशन वापस नहीं ली गई, तो इससे प्रदेश में हो रहे काम काज पर पूर्ण ब्रेक लग जाएगी। अगर कर्मचारियों ने काम रोका तो जनता का काम भी रुक जाएगा। उन्होंने कहा कि सोचने की बात तो यह है कि वर्तमान मुख्यमंत्री का सलाहकार कौन है ? ऐसा सलाहकार जिको हिमाचल की जनता और कर्मचारियों का दर्द तक नहीं समझ आता। कश्यप ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी ने सीएम के समक्ष गलत तथ्य पेश किए। ऐसा करके अफसरशाही ने कर्मचारियों और सरकार के बीच खाई पैदा करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि हम कर्मचारी विरोधी तुगलकी फरमान का विरोध करते है 2019 और 2020 में नियुक्त 89 कैटेगरी के कर्मचारी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

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