जयराम ठाकुर ने कहा कि हर बात मुख्यमंत्री घुमा फिरा कर पूर्व सरकार के ऊपर छोड़ देते हैं। ढाई साल से ज्यादा इस सरकार के गठन को हो गया है। इसके बाद भी पूर्व सरकार के ऊपर अपनी नाकामी का ठीकरा फोड़ना सरकार की बेशर्मी है। अब मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों और गलतियों को स्वीकारें। झूठी गारंटियां, झूठे वादे करके सत्ता हासिल करने वाली सरकार सब कुछ विपक्ष के जिम्में नहीं थोप सकती है। मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के दौरान सदन में कहा था कि मई के महीनें से कर्मचारियों को डीए की एक किश्त मिल जाएगी। लेकिन मई भी बीत गया, जून भी बीत गया, जुलाई भी बीत गया और अगस्त भी बीतने वाला है लेकिन सरकार द्वारा दिए दिए जाने की कोई घोषणा नहीं की गई। आज भी मुख्यमंत्री डीए जारी करने का आश्वासन नहीं दे रहे हैं जिस यह साफ है आने वाले समय में भी डीए नहीं मिलने वाला।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डीए के एरियर के रूप में ही कर्मचारियों के 2 हजार करोड़ की धनराशि बकाया है। कर्मचारी अपने इलाज के लिए भटक रहे हैं। सरकार द्वारा ढाई साल से कर्मचारियों के मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। इसके लिए भी क्या विपक्ष ही जिम्मेदार है। स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पूर्व सरकार के समय भी डीए लंबित था। जिसे हमारी सरकार ने लोगों को दिया। यह सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन सरकार कर्मचारी हित के बजाय राजनीति कर रही है। यह दुर्भाग्य पूर्ण हैं। सरकार कर्मचारियों को अविलंब डीए जारी करे।
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