हिमवंती मीडिया/शिमला
विधानसभा चुनाव जारी बयान में नेता अर्थशास्त्री ठाकुर ने कहा कि झटका देने वाली जनता का वोट ले ले और सरकार बना ले। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वोट चोरी का उदाहरण है। जहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं ने ज्ञान दस की बर्बादी दी। इसके बाद देश भर में कांग्रेस के समर्थकों की फौजदारी और हिमाचल के छोटे-बल्लेबाजों की गली-गली में चीख-पुकार मच गई और पहली बार हमलों में ही लागू करने की प्रशंसा खा रहे हैं। नेताओं की कृतियों में दिए गए कथन में आज की हँसी देखने के लिए शामिल है। फिल्म को पूरा न करने के लिए उनकी आज के तर्क और किताब से हैरान कर देने वाली बातें सामने आती हैं कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाला व्यक्ति कितना बड़ा झूठ बोल सकता है। ठाकुर ने कहा कि जिन मान्यताओं के नाम पर कांग्रेस ने सत्ता बनाई थी, 5 साल में सुक्खू सरकार ने उन सभी हिमाचल साखियों के उलट ही काम किया। 5 लाख युवाओं को रोजगार, पहली सरकार में 1 लाख लोगों की नौकरियां जैसे लोक आख्यान का वादा करने वाली पार्टी जब भी सरकार में आई तो एक लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां खत्म हो गईं, 15000 से ज्यादा लोगों की नौकरियां खत्म हो गईं, हजारों भर्तियां छूट गईं। युवाओं को नौकरी की गारंटी से हर जतन मिलता है जो एक सरकारी बन सकता है।
300 यूनिट बिजली का वादा करके सरकार में आने वाली सरकार से पहले मिल गई थी 125 यूनिट बिजली की सुविधा खत्म कर दी गई है और 300 यूनिट बिजली पर मिल की सुविधा खत्म कर दी गई है जिससे बिजली के बांध 3 गुना से ज्यादा की कमाई हो गई है। महिलाओं को ₹1500 का हिमाचल प्रदेश की राजनीति में बोला गया सबसे बड़ा नारा साबित होता है। बच्चों को बैटरी फंड देने का वादा करने वाली सरकार ने पहले से चली आ रही स्वावलंबन योजना को बंद कर दिया है। ₹100 में दूध के दाम का सही दाम देने वाली सरकारी किसानों को समय से पहले दूध की खरीद कीमत का भुगतान भी नहीं करना है। लोग महीनों तक दूध के भुगतान की राह देखते हैं, मीडिया में खबरें छपती हैं तब सरकार बीच-बीच में जागती है और आधा अधूरा भुगतान करती है। नामांकन के नेताओं ने कहा कि जिन संतों के नाम कांग्रेस में सत्ता में थे, आज उनका नाम भी शामिल है। कांग्रेस के नेता, मुख्यमंत्री और मंत्री कई दफा अपनी ही पार्टी से मुंह फेर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने तो सदन के अंदर ही कहा था कि हमने पहली बार फेसबुक पर एक लाख सरकारी नौकरी में कोई वादा नहीं किया था। इसके अलावा कांग्रेस के घोषित पत्र में तो सुख की सरकार ने सत्ता में आने के बाद कभी भी पलटवार नहीं देखा। इस तरह के प्रतीकात्मक वादे करना जनता का विश्वास है और वोट उनका चुराना है। बाज़ार को हथियाना है। लोकतंत्र का अपमान है। दुर्भाग्य से भारत के इतिहास की सबसे पुरानी पार्टी स्टॉक की चोरी सिद्धहस्त है। हिमाचल प्रदेश के लोगों को कांग्रेस से माफ़ी मांगने के लिए 10 मिनट के लिए वोट करना चाहिए।
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