हिमवंती मीडिया/पांवटा साहिब(प्रीति चौहान)
गिरिपार की दूर दराज सखोली पंचायत के गांव ढ़ांग रूहाना में पिछले तीन सालों से कक्षा ग्यारहवीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। इतना ही नहीं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढ़ांग रुहाना में प्रधानाचार्य का पद भी खाली पड़ा है। 2022 में उच्च विद्यालय से राजकीय वरिष्ठ विद्यालय बने इस स्कूल की ओर सरकार कोई खास ध्यान नहीं दे रही है। इसको लेकर एसएमसी और स्थानीय ग्रामवासी कई बार एसडीएम, डिप्टी डायरेक्टर जिला सिरमौर सहित उद्योग मंत्री तथा शिक्षा मंत्री से भी मिल चुके हैं। मगर ग्रामीणों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बारे में एसएमसी के प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि पिछले तीन सालों से वे लगातार शिक्षा विभाग के दफ्तरों और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के चक्कर काट चुके हैं। मगर उनके इस गंभीर विषय को अनदेखा किया गया। साथ ही उन्होंने मीडिया के समक्ष कहा कि ग्रामीणों में उद्योग मंत्री को लेकर भी खासा रोष है। उन्होंने कहा कि नेता केवल वादे करते हैं और वोट मांगने आते है लेकिन जनता की किसी भी समस्या का कोई हल नहीं हो रहा है।
साथ ही इस बारे में स्थानीय निवासी गोपाल ठाकुर ने कहा कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस स्कूल में एक भी अध्यापक नहीं है। ग्रामीणों की ओर से जो भी बन पाया वह उन्होंने किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार का यही व्यवस्था परिवर्तन है जहां स्कूली विद्यार्थियों के भविष्य को अंधकार में डाला जा रहा है। मित्र देवी ने कहा कि ग्रामीण खेती बाड़ी कर गुजर बसर करते हैं। और इसी से ही बच्चों को पढ़ाते हैं। उनके पास इतने संसाधन नहीं है कि अपने बच्चों को निजी स्कूलों या दूर दराज स्कूलों में भेज सके। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द उनके स्कूल में अध्यापकों की नियुक्ति करें। इस दौरान एसएमसी अध्यक्ष दिनेश कुमार, गोपाल ठाकुर, मनोज ठाकुर, अतर सिंह, गुमान सिंह, भगवान सिंह, बालक राम, जगपाल शर्मा, जगदीश शर्मा,रमेश शर्मा, गीता राम, मनोज ठाकुर, सतीश कुमार, बाबू राम, सुरेश कुमार, राजेंद्र सिंह, तपिंदर शर्मा, सुरेश पुंडीर, मीरा देवी, कौशल्या देवी, मित्रा देवी, भागो देवी, कांता देवी सहित कई स्थानीय लोग मौजूद रहे।
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