सरकार ने न केवल दबाने की कोशिश की बल्कि जिन्होंने आवाज़ उठाई, उन्हीं पर किए मुकदमे

हिंदू समाज की बेटी के अपहरण जैसे गंभीर मामले को कांग्रेस सरकार ने न केवल दबाने की कोशिश की है बल्कि जिन्होंने आवाज़ उठाई, उन्हीं पर मुकदमे कर दिए। उन्होंने बताया कि यह कोई साधारण घटना नहीं थी। एक मुस्लिम युवक द्वारा हिंदू लड़की को बहला-फुसला कर अगवा किया गया। कई दिन बीतने के बाद जब समाज के लोगों ने संगठित होकर आवाज़ उठाई और बेटी को खोजने के लिए दबाव बनाया, तब जाकर पुलिस हरकत में आई और अब जाकर लड़की सुरक्षित बरामद हो चुकी है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में जो सबसे शर्मनाक बात सामने आई है वह थी प्रदेश के प्रशासन और कांग्रेस नेताओं का पक्षपाती रवैया। बलदेव तोमर ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने मौके पर पहुंच कर केवल एक पीड़ित परिवार और आक्रोशित जनता की भावनाओं को दिशा देने का काम किया, ताकि स्थिति शांतिपूर्ण बनी रहे। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इन्हीं दोनों नेताओं पर हत्या के प्रयास की धारा 307 जैसी संगीन धाराएं लगाकर यह साबित कर दिया कि वह पीड़ित के साथ नहीं, अपराधियों के साथ खड़े है।

Baldev Singh Tomar

अब इस प्रदेश में बेटी के लिए न्याय मांगना भी गुनाह है, क्या भाजपा नेताओं पर केस बनाकर कांग्रेस सरकार यह संदेश देना चाहती है कि अगर आप हिंदू समाज की आवाज़ बनोगे, तो आपको अपराधी बना दिया जाएगा। बलदेव तोमर ने सीधे तौर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को घेरा, जिन्होंने इस पूरी घटना को “दो युवाओं का आपसी प्रेम” बताकर मामले को हल्का करने की कोशिश की। तोमर ने तीखे शब्दों में कहा “हर्षवर्धन यह प्रेम नहीं, यह एक बेटी के साथ धोखा और अपहरण था। आप शिलाई की जनता के वोट से विधायक बने हैं, कांग्रेस की खैरात से नहीं। क्या अब आप अपने वोट बैंक की राजनीति के लिए हिंदू समाज की बेटियों की अस्मिता भी दांव पर लगा देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस की इस तुष्टिकरण और वोट बैंक परस्ती को अच्छी तरह समझ चुकी है। बलदेव तोमर ने कहा कि आज जब एक बेटी को समाज ने संगठित होकर बचाया, तो कांग्रेस सरकार उसे “राजनीतिक साज़िश” बता रही है। सवाल यह है कि अगर भाजपा नेताओं ने हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो क्या वह लड़की कभी वापस मिलती? या फिर ये सरकार इसे भी “आपसी सहमति” का नाम देकर फाइल बंद कर देती। बलदेव तोमर ने स्पष्ट किया कि भाजपा इस अन्याय को किसी भी कीमत पर चुपचाप स्वीकार नहीं करेगी। सरकार की ये कार्रवाई लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के खिलाफ है।अब जनता स्वयं पूछ रही है “बेटी बचाओ” कहां गया? क्या वह नारा केवल दिखावा था। अंत में उन्होंने कहा कि भाजपा कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक हर मोर्चे पर कांग्रेस सरकार की इस ज़हरीली और वोट-परस्त मानसिकता के खिलाफ लड़ेगी। और अगर जरूरत पड़ी तो जन आंदोलन खड़ा कर इस सरकार को जवाब देगी।

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