मुख्यमंत्री ने 32वीं चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस के विजेता बाल वैज्ञानिकों को किया सम्मानित

हिमवंती मीडिया/शिमला 

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला कांगड़ा के राजकीय महाविद्यालय ढलियारा में आयोजित दो दिवसीय 32वीं हिमाचल प्रदेश राज्य स्तरीय चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस के समापन कार्यक्रम के दौरान साइंस क्विज, मैथेमेटिकल ओलंपियाड, इनोवेटिव साइंस मॉडल, साइंस स्किल, निबंध लेखन तथा स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस कार्यक्रम में 12 जिलों से आए लगभग 600 बाल वैज्ञानिकों एवं शिक्षकों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों में विज्ञान के प्रसार के लिए दो करोड़ की राशि केंद्र सरकार से प्राप्त होती थी, लेकिन अब वह राशि बंद हो गई है। हिमकोस्टे के आग्रह पर मैंने धन उपलब्ध करवाया। अब बच्चों में वह आत्मविश्वास नजर आ रहा है, जिससे वह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने को तैयार हैं। यह एक सोच है जो हिमाचल प्रदेश के बच्चों में देखने को मिल रही है और अध्यापक ही इस सोच को विकसित करते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण और प्राकृतिक सौंदर्य को बचाना आवश्यक है। वर्तमान कांग्रेस सरकार ने पहले बजट में प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया और हम इस लक्ष्य को हासिल करने जा रहे है। हम इलेक्ट्रिक व्हीकल की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम में 350 ई-बसें शुरू करने जा रहे हैं और आने वाले समय में निगम का पूरा बेड़ा ई-व्हीकल में परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य की एनर्जी ग्रीन हाइड्रोजन है और हिमाचल प्रदेश पूरे देश को इस दिशा में रास्ता दिखाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने के लिए हम कड़े फैसले ले रहे हैं। पूर्व भाजपा सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपये की रेवड़ियां चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ के लिए बांट दी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने एक हजार करोड़ रुपए के भवन बना दिए, जिनका आज कोई उपयोग नहीं हो रहा है।

उन्होंने कहा कि हम प्रदेश की संपदा को नहीं लुटने देंगे। हमने भ्रष्टाचार के चोर दरवाजे बंद करके दो साल में तीन हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व अर्जित है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाने के प्रयास कर रही है और अगले वर्ष तक हम 100 सरकारी विद्यालयों में सीबीएसई पैटर्न लागू करने जा रहे हैं। पिछली भाजपा सरकार के कारण शिक्षा का स्तर गिरा, जिससे सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या घटी। इसलिए वर्तमान राज्य सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रही है, जिनमें से कई स्कूल अगले साल तक शुरू कर दिए जाएंगे। हम आने वाले समय में 967 टीजीटी तथा पीजीटी अध्यापकों की भर्ती करनेे जा रहे हैं। इसके अलावा जेबीटी में भी एक हजार पद भरे जाएंगें ताकि अध्यापकों की कमी को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 1.36 लाख कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी ताकि वह वृद्धावस्था में सम्मान के साथ जीवन-यापन कर सकें। हालांकि केंद्र सरकार ने इसके लिए कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए। उन्होंने कहा कि हमें केंद्र सरकार बार-बार यूपीएस लागू करने को कह रही है लेकिन राज्य सरकार ओपीएस से पीछे हटने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सुधार ला रही है। सदस्य सचिव हिमकोस्टे डीसी राणा ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का स्वागत किया और हिमकोस्टे की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, विधायक, संजय रतन, कमलेश ठाकुर व विवेक शर्मा, एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, हिमाचल प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. मोहन लाल, एपीएमसी कांगड़ा के अध्यक्ष निशु मोंगरा, वूल फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज कुमार, कांग्रेस नेता सुरेंद्र मनकोटिया, पुष्पिंदर ठाकुर, सदस्य सचिव हिमकोस्टे डीसी राणा, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी और गणमान्य उपस्थित रहे।

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