पारिस्थितिक संतुलन, जैव विविधता संरक्षण, जलवायु एवं पर्यावरण संतुलन तथा स्थानीय समुदायों को आजीविका के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ जलविद्युत, पर्यटन और बागवानी जैसे क्षेत्रों में वन संपदा की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रदेश में वनों के रख-रखाव एवं वन आवरण को बढ़ाने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने हाल ही में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत सतत पर्यावरणीय विकास को गति प्रदान करने के लिए ‘मुख्यमंत्री ग्रीन एडॉप्शन योजना’ को स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट भाषण में इस नवीन योजना का विशेष रूप से उल्लेख किया है, जो कि इस क्षेत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को इंगित करता है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस योजना से निजी संस्थानों को क्षतिग्रस्त वन क्षेत्रों के पारिस्थितिक पुनर्स्थापन में आर्थिक भागीदारी और सहभागिता का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत वन विभाग निजी उद्यमियों के साथ पांच वर्षों की अवधि के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा। समझौता ज्ञापन में अनुमोदित बजट, पौधरोपण की लागत, रख-रखाव, संरक्षण, भूमि आद्रता संरक्षण, बाड़बंदी तथा अन्य अनुमोदित गतिविधियों से संबंधित सभी विवरण शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य राज्य के वास्तविक वन क्षेत्र को बढ़ाना है, जिसके लिए क्षतिग्रस्त वन भूमि पर पौधरोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे सतत वन प्रबंधन पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा, जैव विविधता में वृद्धि होगी और जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध पारिस्थितिक तंत्र मजबूत होगा।
उन्होंने कहा कि यह योजना वास्तव में जैव विविधता को बढ़ावा देने, वायु गुणवत्ता में सुधार लाने और स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र को मजबूत करनेे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि यह योजना पात्र संस्थाओं को सतत पर्यावरणीय विकास की दिशा में अपने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व को प्रभावी ढंग से निभाने का एक सुव्यवस्थित मंच प्रदान करेगी, जिससे उन्हें जिम्मेदार कॉरपोरेट नागरिक और राज्य के ‘ग्रीन पार्टनर’ के रूप में पहचान मिलेगी और उनके ब्रांड मूल्य में वृद्धि होगी।
GIPHY App Key not set. Please check settings