हिमवंती मीडिया/पांवटा साहिब
हिमाचल प्रदेश आरटीआई एक्टिविस्ट फेडरेशन पांवटा साहिब रजि के अध्यक्ष चतर सिंह चौधरी की मेहनत आखिर रंग लाई है और जनसूचना अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना निर्धारित समय पर नहीं देने पर स्टेट चीफ इंफॉरमेशन कमीशनर द्वारा पांवटा साहिब के विद्युत विभाग के सीनियर अधिशाषी अभियन्ता अंशुल ठाकुर जनसूचना अधिकारी एवं सीनियर अधिशाषी अभियन्ता हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड पर सूचना समय पर उपलब्ध न कराने की स्थिति में 10,000/-रूपये का जुर्माना लगाया गया जो हैड 0070-60-118-07-जमा कराने का आदेश दिया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता इस फैसले से काफी खुश दिखे और उन्होंने प्रेस को इस आदेश की गौरतलब है कि आरटीआई कार्यकर्ता चतर सिंह चौधरी विद्युत विभाग से वर्ष 2011 में राजपत्रित अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए है तथा बोर्ड में फैल रहे भ्रष्टाचार के मामले उजागर करते रहते हैं जिसके लिए उन्हें निरन्तर प्रताड़ना सहनी पड़ रही है।
पिछले वर्ष 18 जून 2024 को विद्युत विभाग पांवटा साहिब के सहायक अभियन्ता द्वारा उनके घर की विद्युत आपूर्ति जबरन बिना नोटिस के काट दी गई जिस समय उनकी बेटी अमेरिका से अपने परिवार के साथ अपने माता-पिता के घर आई हुई थी। यही नहीं उन पर आरोप लगाया कि वह बिजली चोरी कर रहे हैं। फर्जी मीटर भी लगाया हुआ है। लेकिन आरटीआई सूचना के तहत जब इन्होंने पूरे प्रदेश से जानकारी मांगी तो उसमें स्पष्ट हो गया कि कोई फर्जी मीटर नहीं है जबकि वह मीटर तो 18 वर्ष पहले लगाया हुआ था जिसके बिलों का भुगतान पिछले 18 वर्षों से नियमित तौर से होता आ रहा है। यही नही जो निर्धारित स्वीकृत विद्युत लोड से अधिक लोड होने की जो बात कहीं गई वह भी गलत थी क्योंकि इन्होंने 18 वर्ष पहले ही 16 किलो वॉट का लोड लिया था जो कि आमतौर पर घरेलू उपभोक्ता 2 / 3 किलो वॉट से अधिक का कनेक्शन नहीं ले पाते। अतः अब यह आरटीआई से मिली सूचनाओं के आधार पर साबित करने में कामयाब हो गये है कि न तो इनका बिजली का मीटर फर्जी था और न ही इन्होंने कोई बिजली की चोरी ही की थी।