हिमवंती मीडिया/शिमला
भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है की हिमाचल कि कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश के मंदिरों से अपनी परियोजनाओं को चलाने के लिए पैसे मांगे हैं। आज से पहले हिमाचल प्रदेश में किसी भी सरकार ने ऐसा नहीं किया। एक तरफ हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है और दूसरी तरफ देव स्थलीयों को लूटने का प्रयास कांग्रेस की सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि मंदिरों में जो पैसा आता है वह श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर के उत्थान के लिए दिया जाता है इसी के साथ-साथ धर्म से जुड़ी आस्थाओं को भी बल देने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल किया जाता है। अनेकों धर्म योजनाओं पर इस पैसों को खर्च करने का प्रावधान मंदिर समितियां द्वारा किया जाता है पर ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सरकार ने मंदिरों के पैसे को अपनी योजनाओं को बल देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व में भी इस प्रकार के मुद्दे उठाए हैं और मंदिरों से जुड़े मुद्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन को जनता के समक्ष लाया है। आज सार्वजनिक रूप में कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए कार्यों ने ऐसे जन विरोधी, धर्म विरोधी मुद्दों को सार्वजनिक किया है। उन्होंने कहा कि मंदिरों के ऊपर दबाव बनाया जा रहा है और वह भी जिला उपायुक्तों द्वारा यह ठीक नहीं है, अगर मंदिर न्यास पैसा नहीं देना चाहता तो उनसे आग्रह क्यों किया जाता है यह अपने आप में एक बड़ा सवालिया निशान है। कांग्रेस सरकार के कई निर्णय सवालों के घेरों में हैं जो इससे पूर्व भी आ चुके हैं और आज फिर से यह निर्णय भी एक बड़े सवाल के घेरे में आकर खड़ा हो गया है। हम सरकार से निवेदन करना चाहते हैं कि इस प्रकार की धर्म विरोधी निर्णय तुरंत वापस लेने चाहिए और अगर यह निर्णय वापस नहीं लिए गए तो यह समझ में एक अच्छा उदाहरण नहीं माना जाएगा।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार अपनी परियोजना का गुणगान गा रही है और दूसरी तरफ इन योजनाओं को चलाने के लिए मंदिरों पर दबाव बना रही है इससे स्पष्ट होता है कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति कमजोर है और आने वाले समय में और ज्यादा कमजोर होने जा रही है। यह चिंता का विषय है और इससे समाज की चिंता बढ़ती दिखाई दे रही है। मंदिर एक पूजनीय स्थल है और आस्था इसका केंद्र है अगर इस प्रकार के कार्य हिमाचल प्रदेश में हो रहे हैं तो जन आस्था के ऊपर यह सरकार का सीधा प्रहार है। भाजपा के मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने चार-पांच दिन पहले ही इस मुद्दे को उठाया था जब इस मुद्दे को दबाने का प्रयास किया जा रहा था। कहीं मंदिर ऐसे भी है जिन्होंने अभी तक इस योजना के लिए 1 से 2 करोड रुपए अपने मंदिर के खाते से सरकार की योजना के खाते में स्थानांतरण कर दिया है।