हिमवंती मीडिया/पांवटा साहिब(रवीना)

पांवटा साहिब के महादेव चौक से कुछ दूरी पर ग्राम पातलियो में स्थित श्री पातालेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने माथा टेका। इस मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन माना जाता है और इस महादेव मंदिर की काफी मान्यता है। कि महर्षि पतंजलि ने द्वापर युग में यहां भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें वरदान दिया कि इस स्थान पर एक विशाल दिव्य शिवलिंग प्रकट होगा, जो सदियों तक श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा। इसके अलावा, और पांडवों ने भी अपने वनवास के दौरान इस स्थान पर समय बिताया था। इस पवित्र स्थल के कारण ही इस गांव का नाम पातलियो पड़ा, और मंदिर को श्री पातालेश्वर महादेव के नाम से जाना जाने लगा।

इस दौरान मंदिर के पुजारी के अनुसार, जो भी श्रद्धालु यहां आकर भोलेनाथ के दर्शन करता है, उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यहां स्थापित विशाल आलौकिक शिवलिंग पाताल से स्वयं प्रकट हुआ था, इसी कारण इसका नाम पातालेश्वर महादेव पड़ा। हर वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। परंपरागत हर्ष और उल्लास के साथ यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। पातालेश्वर मंदिर में हिमाचल प्रदेश के अलावा पड़ोसी राज्यों उत्तराखंड और हरियाणा से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। भक्तजन यहां शिवलिंग के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं और भोलेनाथ का प्रसाद ग्रहण कर खुशी-खुशी अपने घर लौटते हैं।