हिमवंती मीडिया/दिल्ली
आल इंडिया समाज सुधार समिति के अध्यक्ष मौलाना कबीरूदीन फारान ने विदेश मंत्री भारत सरकार डॉ. एस. जयशंकर को पत्र के माध्यम से पासपोर्ट बनवाने में आ रही समस्याओं के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि पासपोर्ट हर भारतीय का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है लेकिन इसे बनवाने के लिए लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई तरह के दस्तावेज जमा कराने के बावजूद भी आसानी से पासपोर्ट नहीं बन पाते। जबकि केवल मात्र आधारकार्ड में समस्त जानकारी होने के कारण इसे पहचान के रूप में पर्याप्त माना जा सकता है। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से विदेश मंत्री से गुहार लगाई कि पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया को आसान किया जाए। इस की कापी राष्ट्रपति ,न्यायाधीश भारत सरकार और प्रधान मंत्री को भी दी है। इस पत्र में उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हुए हर नागरिक को उसके धर्म के हिसाब से टोपी, पगड़ी या हिजाब के साथ पासपोर्ट बनाने की भी सुविधा मिलनी चाहिए जबकि देहरादून पासपोर्ट कार्यालय में टोपी, पगड़ी व हिजाब उतारना अनिवार्य है जो कि गलत है और इसे समाप्त करना चाहिए।
समिति के अध्यक्ष मौलाना फारान ने कहा कि वह पहले भी इस बाबत सम्बन्धित विभागों से पत्राचार के माध्यम से अवगत करा चुके हैं। उन्होनें कहा कि पटना स्थित पासपोर्ट कार्यालय का तो ओर भी बुरा हाल है। वहाँ पासपोर्ट बनवाने वाले लोगों को तरह तरह से प्रताड़ित किया जाता है और बार-बार नये-नये दस्तावेज मांगने लगते हैं। दूर दराज के क्षेत्र में रहने वालों को हजारों का नुक्सान उठाना पडता है जब्कि नज्दीकी पास्पोर्ट सहायता केन्द्र से ओके की रिपोर्ट चले जाने का प्रमाण मिल जाता है उसके बावजूद रिजिनल पास्पोर्ट आफिस वाले कई बार हाज़री लगवाते हैं मौलाना फारान ने पत्र द्वारा यह भी मांग की कि हर जिले के उपायुक्तों को भी पासपोर्ट बनाने सम्बन्धी अधिकार दिया जाना चाहिए पत्र में अखिल भारतीय समाज सुधार समिति के अध्यक्ष ने कहा कि छोटे छेाटे मामले में एफ आई आर हो जाती है इसकी वजह से पास्पोर्ट बनाने की प्रक्रिया में कोर्ट और दूसरे भारी खर्चों का पास्पोर्ट आवेदक को भारी रक़म चुकानी पड़ती है यह भी विष्य तवज्जोह के लायक है।