हिमवंती मीडिया/शिमला
नशे के अपने अभियान के तहत दूर-दराज के दुर्गम क्षेत्र के खिलाफ डोडेरा-क्वार का दौरा किया। वह क्षेत्र के लोगों से सड़क मार्ग दिखाता है। पहली बार किसी राज्यपाल को इतनी सहजता से अपने बीच के ऐतिहासिक स्थानीय लोगों से मिला स्वागत। डोडेरा में उनके सम्मान में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। क्वार में उन्होंने पैदल यात्रियों का पैरामप्रिक शेयर स्वीकार किया। उन्होंने स्थानीय स्तर पर तैयार किए गए मोटे अनाजों को ही खा लिया और इसके लिए बाजार में उपलब्ध निर्देश के निर्देश दिए। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी उनके साथ उपस्थित थीं।
तेज बारिश के बीच, आज क्वार के जल शक्ति विभाग के गेस्ट हाउस में दूर दराज के इलाकों से आये लोगों से उन्होंने संवाद किया। उन्होंने कहा कि नशे के सौदागर गांव के भोले-भाले लोग अपना शिकार बना रहे हैं। पैरामप्रिक नशा की जगह अब समुद्र तट पर नशा उपलब्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल को देवभूमि और वीर भूमि कहा जाता है। नशे के ये सौदागर देवभूमि के देवत्व को और वीरता को ख़त्म करना चाहते हैं। इसलिए वह हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। बहुत छोटे स्तर पर शुरू हुआ नशामुक्ति का कार्यक्रम आज जन आंदोलन का रूप ले चुका है। बड़े स्तर पर छात्र-छात्राओं और महिलाओं में जागरूकता के खिलाफ अभियान का हिस्सा बन रहे हैं। उनका मानना है कि ये काम महिलाएं ज्यादा प्रभावशाली तरीकों से कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को इसके लिए आगे की सहायता लेनी चाहिए। बाद में, गवर्नर ने स्थानीय स्कूल के छात्रों के नशे के खिलाफ रैली में ग्रीन अलाइक को रिहा कर दिया। मोहन लाल ब्रैक्टा ने कहा कि वह राज्यपाल के संकल्प के साथ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ जब आपके खिलाफ दुर्गम क्षेत्र में भी गवर्नर नशे का संदेश देने आये थे। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह अपने इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे। राज्यपाल के सचिव सी.पी.वर्मा, अतिरिक्त संयोजक अभिषेक वर्मा, उपमंडल अधिकारी धर्मेश कुमार, स्थानीय क्षेत्र के प्रधान, खंड विकास समिति के सदस्य, महिला मंडल और अन्य कट्टरपंथी व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।