हिमवंती मीडिया/धर्मशाला
जिला सांख्यिकी सलाहकार समिति (डी.एल.सी.), समन्वय समिति (डी.सी.सी.) एवं जिला सांख्यिकी सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अपरिपक्व मनोहर विनय कुमार ने की। बैठक में रूपरेखा की प्रगति की समीक्षा की गई। अतिरिक्त उद्देश्य ने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे और केंद्र राज्य सरकार की परिभाषा के लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक क्षेत्रों को गति मिल सके। बैठक के दौरान बैंकों द्वारा विभिन्न सिद्धांतों की प्रगति और अब तक की समीक्षा रिपोर्ट पर चर्चा की जा रही है। अधिकारियों और बैंक उद्यमियों ने ऋण वितरण, वित्तीय समावेशन और सरकारी मंजूरी के तहत श्रमिकों की जानकारी दी। साथ ही आगामी समय में लक्ष्य की परियोजनाएं और उद्यम को और अधिक प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित करने के लिए कार्य योजना की भी विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने सभी बैंक अधिकारियों से अपनी सीडी रीसेट बढ़ाने के लिए योजना तय करने के लिए कहा, ताकि वे शिक्षा ऋण और कृषि ऋण बढ़ाने के निर्देश दे सकें। इससे पहले की बैठक का संचालन करते हुए मुख्य जिला प्रमुख प्रबंधक कांगड़ा पृथ्वी रिवाइवल ने बताया कि जिला कांगड़ा के ऋण वितरण में बैंकों का वार्षिक ऋण योजना 2024-25 (01.04.2024 से 31.03.2025 तक) का लक्ष्य 7322.28 करोड़ रुपये था, मार्च तिमाही के अंत तक बैंकों ने 8158.75 करोड़ रुपये का ऋण दिया, 111.42 प्रतिशत की दर से अपने राजस्व की गणना की। है.
उन्होंने बताया कि जिलों में वित्तीय वर्ष 2024-25 मई मार्च 2025 के अंत तक धार्मिक क्षेत्र में 78.63 प्रतिशत की दर से तथा गैर-सरकारी क्षेत्र में 379.24 प्रतिशत की दर से लक्ष्य की प्राप्ति होती है। बैंको से आशा है कि वे जिले के आर्थिक विकास में अपने दायित्वों को निभाते हुए अधिक से अधिक ऋण प्राप्त क्षेत्र को देंगे और लोगों के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाएंगे। मुख्य जिला अग्रणी प्रबंधक ने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 मई मार्च 2025 के अंत तक कृषि क्षेत्र में 1663.32 करोड़ रुपये, सूक्ष्म मध्यम और लघु उद्यमों में 3492.55 करोड़ रुपये का कर्ज है। जिले के बैंकों ने वर्ष 2020-25 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना के रिकॉर्ड लगातार वृद्धि दर्ज की है और वित्तीय वर्ष 2024-25 में मार्च 2025 के अंत तक कुल 32815 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। आगे बताया गया है कि जिले में रेलवे के सभी बैंक शाखाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे शेष बचे किसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड जारी करना सुनिश्चित करें। बैठक में जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड सीमन्स साहू ने बताया कि वित्त वर्ष 2026-27 के लिए सुविधायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) की तैयारी के लिए मद्देनजर हितधारकों के साथ प्री-पीएलपी (प्री-पीएलपी) पर चर्चा की गई। चर्चा के दौरान यह उल्लेख किया गया कि आगामी वर्ष में कृषि उत्पादक किसानों (एफपीओ) को समर्थन, कृषि अवसंरचना का विकास और सांस्कृतिक ऊर्जा आधारित मंडलों को प्राथमिकता दी जाएगी। बैठक में एजीएम पीएनबी भारत कैलाश चंद्र ठाकुर, डी डीएम नाबार्ड के प्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।