हिमवंती मीडिया/बद्दी(कविता गौतम)
सर्व सहायता संगठन ने स्वच्छता और नशा मुक्ति एवं पॉलिथीन मुक्त एक स्वस्थ समाज की नींव अभियान के अंतर्गत आयोजन किया संगठन के सचिव ने बताया कि एसडीएम कार्यालय नालागढ़,एस एस एस के अन्तर्गत स्वच्छ शहर, समृद्ध शहर” तथा “प्लास्टिक मुक्त एवं नशा मुक्त हिमाचल अभियान” के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम मे बतौर मुख्य अतिथि नगर निगम कमिश्नर सोनाक्षी सिंह ने शिरकत की। उन्होंने छात्रों एवं सफाई कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बताया कि किस प्रकार छोटे-छोटे कदम, जैसे कचरे का पृथक्करण और जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाना, एक बड़े सामाजिक परिवर्तन की दिशा में मील का पत्थर बन सकते हैं। उन्होंने “स्वच्छ सुधार समाज का नारा देते हुए नागरिकों से अपील की कि वे प्रशासन का सहयोग करें एवं कचरा को सुखा एवं गीला दो हिस्सों में विभाजन करें अपने घर में दो डस्टबिन रखे प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं की सूचना दें। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. (डॉ.) जे.के. शर्मा कुलपति ने की। उन्होंने अपने भाषण में युवाओं की सकारात्मक ऊर्जा को रचनात्मक दिशा में प्रयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया और विश्वविद्यालय की ओर से पर्यावरणीय एवं सामाजिक अभियानों में निरंतर भागीदारी का आश्वासन दिया।
प्रशिक्षण के तकनीकी सत्र में सर्व सहायता संगठन के अध्यक्ष कपिल शर्मा ने सभी को कचरा पृथक्करण, पुनः उपयोग और सुरक्षित निष्पादन के व्यावहारिक पहलुओं एवं नशें से दूर रहने पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार सामुदायिक सहयोग से अच्छे समाज और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों को नशे के दुष्परिणामों, निवारण के उपायों एवं नशा मुक्त समाज की आवश्यकता पर भी जागरूक किया गया। छात्रों ने नशा मुक्ति पर पोस्टर, स्लोगन और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जागरूकता संदेश प्रस्तुत किए, जिससे कार्यक्रम में नई ऊर्जा और सामाजिक संदेश का प्रभावी समावेश हुआ।कार्यक्रम में वृक्षारोपण अभियान चलाया गया,विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों ,स्वयंसेवकों ने भाग लिया। यह कदम न केवल पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में था, बल्कि यह इस बात का भी प्रतीक था कि हर छोटा प्रयास एक बड़े परिवर्तन की शुरुआत हो सकता है। बी डी ओ ऑफिस नालागढ़ के अमरीक सिंह ने सफाई कर्मचारियों को विशेष संबोधन दिया। यह आयोजन सामाजिक जिम्मेदारी, सामुदायिक सेवा और “देव भूमि हिमाचल” की स्वच्छता और नैतिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष उदाहरण है।