हिमवंती मीडिया/पांवटा साहिब
पिछले 35 वर्षों से कला और संगीत के क्षेत्र में नगर में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्था मानसी अभिनय गुरुकुल द्वारा 4 अप्रैल से 9 अप्रैल 2025 तक सातवां उत्सव ए रंगमंच का आयोजन फुलवारी क्लब दिल्ली रोड पर किया जा रहा है। जिसमें देश के लगभग 100 कलाकार भाग ले रहे है। इसमें गायन वादन, नृत्य ,फैशन शो, चित्रकला और वाद विवाद की प्रतियोगिताएं हो रही है। छह दिवसीय ‘उत्सव ए रंगमंच’ के प्रथम दिवस के अवसर पर नन्हें मुन्ने व किशोर कलाकारों ने डिज़ाइनर वस्त्र पहन रैंप वॉक कर वाहवाही बटोरी। फैशन शो प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने बढ़चढकर प्रतिभाग लिया। और अपनी अपनी कला का श्रेष्ठ प्रदर्शन कर दर्शकों को अपनी और आकर्षित किया। फैशन शो में नन्हीं मॉडलों वाणी सिंह व स्नेहा जैन ने रैंप वॉक कर व जजों के सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब देकर दर्शकों को अपनी और आकर्षित किए रखा। द्वितीय दिवस पर एकल, सामूहिक नृत्य कर कलाकारों ने सभागार में उपस्थित दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया। देश की विभिन्न संस्कृति को उजागर करती नृतकों की वेशभूषा भी आकर्षण का केंद्र रही। नृत्य प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने बढ़ चढ कर प्रतिभाग किया और अपनी कला का श्रेष्ठ प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा दिखाई। तृतीय दिवस पर गायन वादन कर कलाकारों ने सभागार में उपस्थित दर्शकों की वाहवाही लूटी। बच्चों, युवाओं व वरिष्ठ नागरिकों तक ने आयोजन की भूरी भूरी प्रशंसा की। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने बढ़ चढ कर प्रतिभाग किया और अपनी कला का श्रेष्ठ प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा दिखाई। इस मौके पर नाटक ‘लड्डू’ कह गया ‘जो पास है वही तो खास है। शादी का लड्डू जो खाए वह पछताए जो ना खाए वह भी पछताए, कहावत से प्रेरित नाटक विषय लड्डू। लव मैरिज अरेंज मैरिज, मोबाइल के अत्यधिक उपयोग और रिश्तों में समय के अभाव के प्रभावों को दिखाता नाटक लड्डू बहुत सारे सवाल समाज के बीच छोड़ गया। निर्देशक की सोच को कलाकारों ने अपने दमदार अभिनय से जीवंत किया। नाटक ‘लड्डू’ समाज को संदेश दे गया कि ‘जो खास है वही तो पास है। मानसी अभिनय गुरुकुल सहारनपुर द्वारा छह दिवसीय ‘उत्सव ए रंगमंच’ के तृतीय दिवस सांयकालीन सत्र पर दिल्ली रोड स्थित फुलवारी क्लब में बीते रविवार को आयोजित ‘नाट्य मंचन’ का विधिवत उद्घाटन आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य योगेश दहिया, मानसी अभिनय गुरुकुल के अध्यक्ष के के गर्ग, सचिव व निर्देशक योगेश पंवार, पूनम गर्ग, नितिन शर्मा, अजय सिंघल, आर के गुप्ता ने मां सरस्वती व मानसी के संस्थापक स्व रविन्द्र जैन के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। उत्सव ए रंगमंच’ में ‘ब्लैक पर्ल आर्ट्स एंड कल्चरल सोसाइटी दिल्ली’ की प्रस्तुति अमूल सागर नाथ द्वारा लिखित व निर्देशित नाटक ‘लड्डू’ का सफल मंचन किया गया। नाटक लेखक व निर्देशक श्री अमूल सागर नाथ ने लड्डू के जरिए वर्तमान परिपेक्ष में हो रही शादियों के तरीकों ‘लव मैरिज अरेंज मैरिज’ से बने गृहस्थ जीवन में पति पत्नी के रिश्तों के बीच की मिठास न होने के कारणों को दिखाया है। दिखाया गया कि मैरिज अरेंज हो या फिर लव, पति पत्नी के रिश्तों में कोई भी एक तरीका मिठास, सुख, शांति का पैमाना नहीं है। उन्होंने नाटक के माध्यम से कहा कि जो पास है वही तो पास है। आजकल के माहौल में जहाँ हम सभी वास्तविक दुनिया से परे एक भ्रम जाल रूपी आभासी दुनिया, डिजिटली बंधक— मोबाइल से अत्यधिक प्रेम में फंसे हैं। यही मोबाइल प्रेम कहीं दूर बैठे जाने अनजानों में अपनापन ढूंढता है, न कि पास में बैठे जानने वालों में।
नाटक में लड़की की माँ शोभा का किरदार निभाने वाली सिमरन सिंह ने अभिनय रसों का भरपूर प्रयोग किया, चेहरे की अभिव्यक्ति और संवाद ‘भाईसाहब’ ने दर्शकों को अपनी और आकर्षित किए रखा। वहीं एक अलग किरदार के रूप में अपनी पहचान दर्ज कराई अधिवक्ता की भूमिका निभाने वाले अमन दूबे ने। नाटक के अन्य पात्रों में सुरभि की भूमिका वंशिका, शरद की संजू हालदार, सुदर्शन की ध्रुव गेरा, मनोहर की वीर गेहलोत, मालिनी की प्रतिभा चौहान, पंडित की प्रशांत वर्मा, शरद के कार्यालय में स्टाफ लिपिक की सौरभ सुमन, प्रशांत वर्मा, शरद के बॉस की शिवांश सक्सेना, सुरभि के कार्यालय के लिपिक की सिमरन सिंह, प्रतिभा चौहान, लड्डू गैंग के सदस्यों की सौरभ सुमन, दीपक, विनय कुमार, शिवांश सक्सैना, करण, लाडू सिंह की हेमन्त पाल ने बख़ूबी निभाई। कलाकारों ने दर्शकों के बीच अपने सशक्त अभिनय का अहसास कराया। लेखक, निर्देशक अमूल सागर नाथ ने प्रकाश व संगीत के सटीक सामंजस्य से नाट्य प्रस्तुति को सजीवता प्रदान की। प्रस्तुति अनुसार सेट डिजाइन भी निर्देशक का रहा। लड्डू या कह सकते हैं कि शादी का लड्डू। लेखक ने लड्डू को ही अपने नाटक में एक पात्र यानी सूत्रधार के रूप में रचा है। जो नाटक की कदम दर कदम आने वाले दृश्यों से रूबरू कराता है। नाटक मुख्यत दो परिवारों के बीच लड़का लड़की की शादी करने की कहानी है। जिसमें लड़का और लड़की लव मैरिज की इच्छा लिए रहते हैं पर परिवार वाले अरेंज मैरिज का दबाव बनाते हैं। अरेंज मैरिज हो जाती है। इसी ताने बाने को कई उतार चढ़ाव के बीच नाटकीय रूपांतर को बड़ी ही कुशलता से दर्शकों के बीच प्रस्तुत किया है।